Animal Calf Care: बछड़ों को ठंड से बचाने के लिए फरवरी तक अपनाएं एनिमल एक्सपर्ट के ये 12 टिप्स 

Animal Calf Care: बछड़ों को ठंड से बचाने के लिए फरवरी तक अपनाएं एनिमल एक्सपर्ट के ये 12 टिप्स 

Animal Calf Care in Winter सर्दी लगने से बछड़ों को निमोनिया होने का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए बछड़ों को सर्दियों में बीमारी से बचाने के लिए पशु शेड में पूरे इंतजाम किए जाएं. शेड में हवा आने-जाने के लिए रोशनदान हों. ठंडे फर्श से बछड़ों को बचाया जाए. बछड़ों की मृत्युदर कम करने के लिए ही एनिमल साइंटिस्ट ने बछड़ों की देखभाल के लिए कुछ नियम बनाए हैं.

नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Nov 19, 2025,
  • Updated Nov 19, 2025, 7:49 AM IST

Animal Calf Care in Winter ऐसा नहीं है कि दूध देने वाली गाय-भैंस ही पशुपालक को प्यारी होती है. गाय-भैंस का बछड़ा भी उतना ही प्यारा होता है, और अगर कहीं बछड़ा फीमेल है तो पशुपालक उसकी और ज्यादा देखभाल करता है. क्योंकि पशुपालन में बछड़ों की बहुत अहमियत होती है. दूध के साथ-साथ बछड़ा भी इनकम का बड़ा साधन होता है. बछड़ा बड़ा किया तो दूध देगा या फिर मीट के लिए तैयार हो जाएगा. और अगर एक साल की उम्र तक बड़ा करने के बाद भी बेचा तो अच्छे दाम मिलेंगे. 

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन और डेयरी में बछड़े के जन्म को बड़े मुनाफे के तौर पर देखा जाता है. यही वजह है कि गाय-भैंस पर रिसर्च करने वाले बड़े-बड़े संस्थान से लेकर एनिमल एक्सपर्ट तक सर्दियों के मौसम में बछड़ों की खास देखभाल करने की सलाह देते हैं. बछड़ों की देखभाल से जुड़े ऐसे ही कुछ 12 टिप्स इस खबर में हम आपको बता रहे हैं. 

ठंड से बछड़ों को बचाने के ये हैं टिप्स 

जन्म से लेकर 6-8 महीने बछड़ों को बहुत देखभाल की जरूरत होती है. एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि हर बदलते मौसम में बछड़ों को खास देखभाल चाहिए होती है. सर्दी के मौसम में ये देखभाल बहुत जरूरी हो जाती है. अगर बदलते मौसम में पशु को किसी भी तरह का तनाव होता है तो मान लिजिए कि उसकी ग्रोथ पर इसका सीधा असर पड़ेगा.

  • ठंडे फर्श से बचाने के लिए बछड़ों को बिस्तर पर ही बैठाना चाहिए. 
  • भूसे के बिस्तर से बछड़े को सर्दी में भी गर्मी मिलती है. 
  • बछड़ों के शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए शेड में अतिरिक्त ऊर्जा का इंतजाम करें.  
  • बछड़ों की शारीरिक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए दूध भी दिया जा सकता है. 
  • पाचन संबंधी परेशानियों को रोकने के लिए हर रोज दिन में तीन  बार दूध पिलाएं. 
  • दिन में कम से कम एक बार गर्म पानी पिलाने से ठंड का तनाव दूर होता है. 
  • बछड़ों में तनाव, ठंडे हाथ-पैर के लक्षण दिखाई दें तो उन्हें वेंटिलेशन वाले बंद कमरे में रखें. 
  • बछड़ों के शरीर को पूरी तरह से ढकने के लिए कंबल, बोरी या मोटा कपड़ा लपेट दें. 
  • शेड में नमी और कार्बन-डाइऑक्साइड रोकने के लिए वेंटिलेशन जरूर रखें. 
  • जनवरी में क्रिप्टोस्पोरिडियम एसपीपी संक्रमण के साथ-साथ खुजली ज्यादा होती है.
  • संक्रमण होने पर 0.2 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम या एक मिली प्रति 50 किलोग्राम वजन के हिसाब से आइवरमेक्टिन का इस्तेमाल करें. 
  • बछड़े के शेड में साइपरमेथ्रिन या अमित्राज जैसे एसारिसाइड्स का छिड़काव करें.  

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