Poultry Chicken: बाजार से कहीं आप मिलावटी मुर्गा तो नहीं खरीद रहे, ऐसे करें पहचान 

Poultry Chicken: बाजार से कहीं आप मिलावटी मुर्गा तो नहीं खरीद रहे, ऐसे करें पहचान 

लेयर बर्ड यानि अंडा देने वाली मुर्गी एक साल में 285 से 305 तक अंडे देती है. देश में रोजाना करीब 25 करोड़ अंडे का कारोबार होता है. आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडू में देश के कुल उत्पादन का 50 फीसद अंडा उत्पादन होता है. 30 दिन में ब्रॉयलर चूजा 900 से 1150 ग्राम का हो जाता है जो तंदूरी चिकन में इस्तेमाल होता है. ब्रॉयलर चिकन के रेट उसके वजन के हिसाब से तय होते हैं. 

पॉल्ट्री फार्मिंग (सांकेतिक फोटो)पॉल्ट्री फार्मिंग (सांकेतिक फोटो)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Dec 02, 2024,
  • Updated Dec 02, 2024, 9:55 AM IST

जिंदा मुर्गे में भी मिलावट हो सकती है. बेशक ये नामुमकिन सी बात लगती हो, लेकिन ये हकीकत है. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो चिकन के लिए बिकने वाले महंगे ब्रॉयलर मुर्गों में लेयर बर्ड की मिलावट की जाती है. अंडा देने वाली मुर्गी को लेयर बर्ड कहा जाता है. वहीं लेयर बर्ड अंडा देने के काम आती है. बाजार में जो सफेद रंग का छह से सात रुपये का अंडा बिकता है वो लेयर बर्ड का ही होती है. लेयर बर्ड का पालन सिर्फ और सिर्फ अंडे के लिए किया जाता है. दो से सवा दो साल तक यह अंडा देती है. 

इसके बाद इसे रिटायर कर दिया जाता है. जब अंडा देने वाली मुर्गी अंडा देना बंद या बहुत कम कर देती है तो उसे कटने के लिए बेच‍ दिया जाता है. ब्रॉयलर मुर्गे के मुकाबले लेयर बर्ड बहुत सस्ती होती है. हालांकि मुर्गों में होने वाली मुर्गियों की मिलावट को पकड़ना कोई नामुमकिन नहीं है. अगर दोनों के बीच शरीरिक बनावट के अंतर को पहचान लिया जाए तो आसानी से अंडे देने वाली मुर्गी को पहचाना जा सकता है. 

ये भी पढ़ें: हैदराबादी बिरयानी नहीं, हैदराबादी चिकन बिरयानी बोलिए...पोल्ट्री सेक्टर के लिए बन रहा प्लान

इसलिए ब्रॉयलर चिकन में मिलाई जाती है लेयर बर्ड 

पोल्ट्री एक्सपर्ट चरनजीत ने किसान तक को बताया कि ब्रॉयलर चिकन वो है जो बाजारों में चिकन फ्राई, चिकन टंगड़ी, चिकन टिक्का और तंदूरी चिकन के नाम से बिकता है. चिकन बिरयानी भी इसी की बनती है. खासतौर पर चिकन करी के लिए घरों में भी यही बनाया जाता है. बाजार में आजकल फ्रेश ब्रॉयलर चिकन का भाव 200 रुपये किलो से लेकर 350 रुपये तक चल रहा है. 

ऐसे कर सकते हैं ब्रॉयलर चिकन और लेयर बर्ड में पहचान 

लेयर बर्ड पतली-दुबली, पौने दो किलो वजन तक की होती है.
ब्रॉयलर मुर्गा 900 ग्राम से लेकर तीन किलो वजन तक का होता है. 
लेयर बर्ड के शरीर पर चर्बी नहीं होती है.
मोटा ताजी होने के चलते ब्रॉयलर के शरीर पर चर्बी होती है. 
लेयर बर्ड के शरीर पर घने पंख होते हैं.
जबकि ब्रॉयलर के शरीर पर पंख बहुत ही कम होते हैं. 
लेयर के सिर पर लाल गहरे सुर्ख रंग की बड़ी सी झुकी हुई कलंगी होती है.
ब्रॉयलर में बहुत छोटी कलंगी होती है. रंग भी थोड़ा दबा हुआ होता है.
लेयर के पंजे यानि पैर पतले होते हैं.
ब्रॉयलर मुर्गे के पंजे मोटे होते हैं. 
लेयर मुर्गी काफी फुर्तीली होती है. खुला छोड़ने पर पकड़ना मुश्किल होता है.
वजनी और मोटा होने के चलते ब्रॉयलर मुर्गा दौड़ नहीं सकता है. 
पकाने के दौरान लेयर मुर्गी का मीट अच्छी तरह से गलता नहीं है. 
ब्रॉयलर मुर्गे का मीट आसानी से पक जाता है.  

Poultry India Expo-2024: रेडी टू कुक-रेडी टू ईट बनेगा चिकन प्रोसेसिंग का इंजन, जानें 5 साल में कितना बढ़ेगा प्रोडक्शन

 

MORE NEWS

Read more!