उत्तराखंड में इस साल मॉनसून में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है. खास बात यह है कि इसकी भविष्यवाणी देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने गुरुवार की. उन्होंने राज्य सरकार को अभी से तैयारी शुरू करने की सलाह दी है. मॉनसून की तैयारियों के संबंध में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) द्वारा विभिन्न विभागों के लिए यहां आयोजित एक प्रशिक्षण शिविर में बोलते हुए सिंह ने कहा कि इस वर्ष 'सामान्य से अधिक' मानसून की संभावना 60 प्रतिशत से अधिक है. इसलिए सभी विभागों पहले से बाढ़ और बारिश से निपटने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.
सिंह ने कहा कि मौसम विभाग मौसम संबंधी सूचनाओं को लेकर लगातार अलर्ट भेजता रहता है. अगर उसका पालन किया जाए तो आपदाओं के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है और जान-माल के नुकसान को भी कम किया जा सकता है.
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वहीं, बात अगर झारखंड की करें तो यहां कुछ हिस्सों में फिर से लू चलनी शुरू हो गई है. राज्य के अधिकांश इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है. मौसम विभाग ने कोल्हान, संथाल और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के लिए 29 अप्रैल तक हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी से पश्चिमी सतही हवाओं के बढ़ने के कारण अगले तीन दिनों में अधिकतम तापमान मौजूदा स्तर से दो से तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि गुरुवार को लगभग 10 जिलों में हीटवेव का असर हुआ है, आने वाले दिनों में और अधिक क्षेत्रों के प्रभावित होने की आशंका है. गोड्डा जिले में सबसे अधिक तापमान 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इसके बाद पश्चिमी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा में 43.7 डिग्री सेल्सियस और सरायकेला में 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जमशेदपुर में अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि डाल्टनगंज में 41.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. राज्य की राजधानी रांची 38 डिग्री सेल्सियस पर उबल रही है.
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उन्होंने कहा कि झारखंड के लिए विस्तारित सीमा पूर्वानुमान के अनुसार, 26 अप्रैल से 2 मई तक तापमान 38 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. लू की स्थिति के परिणामस्वरूप, राज्य में जंगल की आग की घटनाएं बढ़ गई हैं. गिरिडीह जिले के पारसनाथ, पलामू टाइगर रिजर्व और पूर्वी सिंहभूम जिले के दलमा से छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं. वन विभाग ने आश्वासन दिया कि वे जंगल की आग की घटनाओं को कम करने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं.
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