उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश का दौर अब पूरी तरीके से थम चुका है. मौसम एक बार फिर से बदल गया है. मंगलवार की सुबह राजधानी लखनऊ का मौसम पूरी तरीके से साफ था, धूप खिली हुई थी. वही मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 8 मार्च तक मौसम पूरी तरीके से शुष्क बना रहेगा. आने वाले दिनों में बारिश कि अब कोई संभावना नहीं है लेकिन पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के असर के चलते सुबह-शाम ठंड का असर बना रहेगा. प्रदेश में मुजफ्फरनगर सबसे ठंडा जिला दर्ज किया गया जहां न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जबकि उरई सबसे गर्म जिला था यहां पर 28 डिग्री तक तापमान पहुंच गया.
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में बारिश और वज्रपात की वजह से चार लोगों की मौत हो गई. वहीं किसानों के खेत में खड़ी फैसले भी बर्बाद हुई है. बारिश का दौर थमने के बाद मंगलवार को धूप खिलने से मौसम सुहाना रहेगा. लखनऊ मौसम विभाग के मुताबिक सुबह शाम के वक्त ठंड का असर बरकरार रहेगा. उत्तर प्रदेश के कानपुर, झांसी ,लखनऊ, हरदोई समेत कई जिलों में बारिश से किसानों सबसे ज्यादा परेशान रहा. मैनपुरी में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई.
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तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद अब न्यूनतम तापमान गिरने लगा है जिससे ठंड बढ़ गई है. रात में तापमान में गिरावट जारी है. मंगलवार से यूपी के 75 जिलों में ड्राई डे रहेगा. यानी मौसम पूरी तरीके से शुष्क रहेगा. बारिश के बाद तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की गई है.
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में हुई बारिश ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली से फसलों के साथ-साथ जनहानि हुई है जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को तत्काल मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए हैं. आकाशीय बिजली ,ओलावृष्टि ,तेज बारिश, आंधी तूफान के चलते होने वाले आपदाओं से पशु हानि से मकान की क्षति के मामलों में आर्थिक सहायता दी जाती है. वहीं फसलों को हुए नुकसान का भी सर्वे करा कर अधिकारीयों को मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं.
यूपी में हुई बे मौसम बारिश के चलते सबसे ज्यादा गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा चना, मटर की फसल को भी नुकसान हुआ है. बाराबंकी में 22000 हेक्टेयर भूमि में बोई गई आलू की 20 फ़ीसदी फसल को नुकसान हुआ है. वही बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, अमेठी ,रायबरेली, सीतापुर, सुल्तानपुर ,अंबेडकर नगर में सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. इसके अलावा बुंदेलखंड में भी किसान की फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है.
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