उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में इन दिनों भीषण उमस और गर्मी से लोग बेहाल है. मौसम विभाग ने पिछले 1 हफ्ते से भीषण गर्मी से जूझ रहे यूपी के लोगों को अब राहत मिलने की संभावना जताई है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ ने प्रदेश के जिलों सभी जिलों में 28 जुलाई से बारिश की संभावना भी जताई है. वही लखनऊ समेत पूर्वांचल के जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है. बुधवार से ही गाजियाबाद ,नोएडा, मुजफ्फरनगर ,मेरठ के इलाकों में मूसलाधार बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है. वहीं मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आज पश्चिम उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 27 जुलाई को शामली ,सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत,मेरठ, अलीगढ़, कासगंज, मैनपुरी, इटावा, बिजनौर, अमरोहा ,मुरादाबाद, रामपुर, बरेली ,पीलीभीत जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. वही कासगंज, एटा ,आगरा ,मैनपुरी, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद ,रामपुर, बरेली ,पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, इलाकों में गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है. वही बुंदेलखंड के जालौन और आसपास के इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है. अलीगढ़, मथुरा, हाथरस ,फिरोजाबाद जिलों में भी बारिश का पूर्वानुमान है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 28 जुलाई से राजधानी लखनऊ समेत पूर्वांचल के सोनभद्र, मिर्जापुर ,चंदौली ,वाराणसी, संत रविदास नगर ,जौनपुर ,गाजीपुर ,आजमगढ़, हरदोई, बाराबंकी ,सुल्तानपुर ,अयोध्या ,अंबेडकर नगर में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है. इसके अलावा बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर ,प्रतापगढ़ ,फर्रुखाबाद ,कन्नौज, कानपुर देहात ,कानपुर नगर, उन्नाव, बरेली ,अमेठी, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़ ,कासगंज, एटा, मैनपुरी, बिजनौर ,अमरोहा, संभल, बदायूं ,जालौन, हमीरपुर ,महोबा के इलाकों में भारी बारिश की संभावना भी जताई गई है.
पूरे उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से मानसून सक्रिय हो जाएगा. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले 2 दिनों तक छिटपुट बारिश होगी जबकि 28 जुलाई के बाद अच्छी बारिश होने का अनुमान है. वही लखनऊ और आसपास के जिलों में भी गरज चमक के साथ बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है. लखनऊ स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक आलोक पांडे ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी जिसके कारण खरीफ सीजन की बुवाई भी प्रभावित हुई है. ऐसे में बारिश होने से किसानों की फसल की सिंचाई हो सकेगी. वहीं खरीफ सीजन की बुवाई का क्षेत्रफल भी कई जिलों में बढ़ेगा. अकाशीय बिजली से किसानों को इस दौरान विशेष सतर्कता बरतनी होगी.
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