खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. इस बार मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश होगी. मौसम से जुड़े अनुमान बताने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने भविष्यवाणी की है कि इस साल देश में सामान्य मॉनसून रहने की संभावना है. इसका मतलब यह हुआ इस साल अच्छी बारिश होगी, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी. क्योंकि पिछल साल अलनीनो के चलते सामान्य से बहुत कम बारिश हुई थी. इसके चलते देश के कई हिस्सों में किसानों को सूखे का सामना करना पड़ा. स्काईमेट को उम्मीद है कि चार महीने की अवधि के दौरान मॉनसूनी बारिश औसत 868.6 मिमी का 102 प्रतिशत होगी.
यह पूर्वानुमान उन किसानों के लिए ज्यादा खुशी लेकर आया है जो सिंचाई के लिए इस बारिश पर बहुत अधिक निर्भर हैं. ऐसे भी देश में सिंचाई सुविधा का अभाव है. अभी भी चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों की खेती करने वाले अधिकांश किसान सिंचाई के लिए मॉनसून की बारिश पर निर्भर रहते हैं. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि सामान्य मॉनसून रहने पर कृषि उत्पादकता में सुधार होगा. साथ ही समय पर सिंचाई होने से फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी. इससे कृषि क्षेत्र में समग्र आर्थिक विकास हो सकता है.
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पहले भविष्यवाणी की थी कि अप्रैल-जून की अवधि में, देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य चार से आठ दिनों की तुलना में 10 से 20 दिन तक हीट वेव का असर रहेगा. स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने कहा कि अल नीनो तेजी से लानीना की ओर बढ़ रहा है. उनकी माने तो लानीना के मजबूत होने से बारिश अच्छी होती है. उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमानकर्ता को देश के दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अच्छी बारिश की उम्मीद है. खास बात यह है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद जताई गई है.
जानकारों की माने तो साल 2024 में सामान्य मानसून की यह भविष्यवाणी भारत के कृषि क्षेत्र के लिए आशा की किरण जगाती है, जो हाल के वर्षों में चरम मौसम की घटनाओं से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहा है. मानसूनी बारिश के समय पर और पर्याप्त आगमन से फसल की पैदावार, खाद्य सुरक्षा और देश की समग्र आर्थिक भलाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. 2023 में, आईएमडी ने देश भर में मौसमी औसत की 90 फीसदी वर्षा का अनुमान लगाया था, जो कि 78.3 सेमी वर्षा थी, जो लंबी अवधि के औसत से कम थी. अल नीनो स्थितियों के संभावित आगमन के कारण 2023 में मानसून के मौसम के कमजोर होने की उम्मीद थी, जो आम तौर पर देश में सामान्य से अधिक शुष्क दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम से जुड़ा होता है.
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