पूरे उत्तर भारत में तेज बारिश का दौर जारी है और हिमाचल प्रदेश में बारिश से स्थितियां खराब हो गई हैं. यहां पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त करके रख दिया है. ऊना जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां घरों में पानी घुस गया है और सड़कें पूरी तरह से डूब गई हैं. ऊना जिले के हरोली तहसील के बाथू बाथरी गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है और एक व्यक्ति लापता है. मरने वालों में बिहार की रहने वाली सात साल की प्रवासी लड़की भी शामिल है.
ऊना जिले के बेला बाथरी बाथू औद्योगिक क्षेत्र खड्ड में अचानक आई बाढ़ के कारण कई इंडस्ट्रीयल यूनिट्स में पानी घुस गया. इसकी वजह से मशीनरी और जरूरी सामान पूरी तरह से नष्ट हो गया है. गढ़शंकर रोड पर बाथू-बाथरी में पुल के पास एक पेट्रोल पंप बह गया. ऊना, सिरमौर और किन्नौर जिलों में अचानक आई बाढ़ की खबर है, वहीं चंबा, बिलासपुर, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों सहित राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. रविवार को राज्य के विभिन्न जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. शिमला स्थित मौसम विभाग ने राज्य में 17 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है.
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राज्य भर में करीब तीन सौ सड़कें ब्लॉक्ड हैं जिनमें पांच नेशनल हाइवे भी शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि 288 सड़कों में से 138 शुक्रवार को और 150 शनिवार को बंद थीं. राज्य के इमरजेंसी सेंटर के आंकड़ों के अनुसार मंडी में 96, शिमला में 76, कुल्लू में 37, सिरमौर में 33, चंबा में 26, लाहौल और स्पीति में सात, हमीरपुर में पांच और कांगड़ा और किन्नौर में चार-चार सड़कें बंद हैं. पूह और कौरिक के बीच अचानक आई बाढ़ और नेगुलसरीन के पास नेशनल हाइवे 5 पर भूस्खलन के बाद किन्नौर जिला राज्य की राजधानी शिमला से कट गया है.
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लाहौल-स्पीति पुलिस ने रविवार को निवासियों और यात्रियों को बाढ़ की आशंका के कारण नदियों, नालों और निचले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी. भूस्खलन के कारण कधु नाला के पास किलार की ओर जाने वाला रास्ता भी बंद हो गया है. इस बीच, ऊना के डिप्टी कमिश्नर जतिन लाल ने रविवार को जिले के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की समीक्षा की. डिप्टी कमिश्नर ने सरकारी मशीनरी को राहत और बचाव कार्य तेजी से और प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जा सके.
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इस बीच, चंडीगढ़-मनाली हाइवे शनिवार देर रात 10 बजे भूस्खलन की चपेट में आने के बाद लगभग 9 मील तक घंटों तक ब्लॉक रहा. सड़क के दोनों ओर हजारों गाड़ियां फंसी हुइ हैं जो लगातार पांचवीं रात से बंद है. रविवार को सुबह 7 बजे सड़क को केवल एक तरफा ट्रैफिक के लिए साफ किया गया था. लाहौल-स्पीति पुलिस ने रविवार को निवासियों और यात्रियों को बाढ़ की संभावना के कारण नदियों, नालों और निचले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी.
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