देश के अलग-अलग हिस्सों में तेजी से आगे बढ़ रहा है मॉनसून (फोटो साभार-India Today/PTI)देश में मॉनसून तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसके साथ ही बारिश का दौर भी शुरू हो गया है. इसलिए अब तक मॉनसून की जो कमी देखी जा रही थी, उसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है. मंगलवार तक पूरे देश में 19 फीसद मॉनसून की कमी दर्ज की गई थी. जैसे-जैसे मॉनसून आगे बढ़ेगा, यह कमी दूर होती जाएगी. मॉनसून गुजरात को पार कर राजस्थान के कई इलाकों में प्रवेश कर चुका है. जिन प्रदेशों में मॉनसून की सबसे अधिक कमी (60 परसेंट से अधिक) है उनमें केरल, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और बिहार के नाम हैं. इस लिस्ट में और भी कई राज्य थे, लेकिन धीरे-धीरे इसमें कमी आ रही है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने मंगलवार को गुजरात को पूरी तरह से कवर कर लिया, जिससे अगले पांच दिनों के दौरान कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. आईएमडी ने कहा, "दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तरी अरब सागर के अधिकांश हिस्सों, गुजरात के बाकी हिस्सों और इस तरह 27 जून को पूरे गुजरात राज्य को कवर कर चुका है."
अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण गुजरात के जिलों नवसारी और वलसाड के लिए "रेड अलर्ट" जारी किया गया है और अगले तीन दिनों के दौरान इन जिलों में बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. गुजरात सरकार ने एक बयान में कहा कि भारी बारिश की चेतावनी के बीच, राज्य के मौसम निगरानी समूह ने मॉनसून की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की.
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मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात के नवसारी और वलसाड जिलों और केंद्र शासित प्रदेश दमन और दादरा नगर हवेली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे संभावित रूप से निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ के कारण भारी ट्रैफिक जाम हो सकता है. आकाशीय बिजली गिरने से जीवन को खतरा पैदा हो सकता है. आईएमडी ने कहा कि राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. इस अवधि के दौरान दक्षिण और उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र के जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की गई है.
मॉनसून रविवार को गुजरात पहुंचा. इसके बारे में कहा जा रहा है कि चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव के कारण दक्षिण गुजरात में मॉनसून पर कुछ असर दिखा. चक्रवात बिपरजॉय ने 15 जून को कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के पास दस्तक दी थी. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कई जिलों में बारिश हुई, भावनगर जिले के घोघा तालुका में सुबह से 12 घंटों में लगभग 63 मिमी बारिश हुई. गुजरात सिंचाई विभाग के अनुसार, राज्य के 206 जलाशयों में से छह भारी बारिश के कारण हाई अलर्ट पर हैं, तीन अलर्ट पर और एक चेतावनी मोड पर है.
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इस बीच चौंकाने वाली बात ये है कि जिस केरल से मॉनसून की एंट्री होती है, वहां मॉनसून की बारिश की कमी देखी जा रही है. IMD के अनुसार, केरल में अब तक कम बारिश हुई है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपनी सामान्य शुरुआत की तारीख एक जून से लगभग एक सप्ताह बाद आठ जून को केरल पहुंचा है. इसी अवधि के लिए सामान्य दक्षिण-पश्चिम मॉनसून बारिश की तुलना में, केरल में सामान्य वर्षा से 65 प्रतिशत की कमी थी. हालांकि, केरल के क्षेत्रीय मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी हवाएं मजबूत हो रही हैं और आने वाले दिनों में और बारिश होने की उम्मीद है.
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