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बढ़ती गर्मी से नहीं घटेगी गेहूं की पैदावार, अनाज उत्पादन को लेकर IMD ने दी बड़ी जानकारी

बढ़ती गर्मी से नहीं घटेगी गेहूं की पैदावार, अनाज उत्पादन को लेकर IMD ने दी बड़ी जानकारी

मौसम कार्यालय ने कहा कि गेहूं की कटाई के दौरान उत्तर भारत के कई हिस्सों और पूर्वी और पश्चिमी तटों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस ऊपर और देश के बाकी हिस्सों में सामान्य के आसपास रहने की संभावना है. हालांकि, IMD प्रमुख ने कहा कि मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए लू की कोई चेतावनी नहीं है.

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Temperatures in India approaching tolerable limit, study reports Temperatures in India approaching tolerable limit, study reports

इस बार गर्मियों में सामान्य से ज्यादा तापमान रहेगा. मौसम विभाग ने बताया है कि इस साल अप्रैल से जून के बीच अत्यधिक गर्मी महसूस की जाएगी. इसका सबसे अधिक असर मध्य और पश्चिमी भारत में दिखेगा. मौसम विभाग यानी कि IMD ने यह जानकारी तब है जब अप्रैल से जून के बीच देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. यानी वोटर्स को राजनीतिक गर्मी के साथ मौसमी गर्मी का भी अहसास करना पड़ेगा.

आईएमडी ने सोमवार को कहा कि तापमान में वृद्धि का गेहूं की तैयार फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि भारत में अप्रैल-जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ेगा. मौसम कार्यालय ने कहा कि गेहूं की कटाई के दौरान उत्तर भारत के कई हिस्सों और पूर्वी और पश्चिमी तटों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस ऊपर और देश के बाकी हिस्सों में सामान्य के आसपास रहने की संभावना है. हालांकि, IMD प्रमुख ने कहा कि मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए लू की कोई चेतावनी नहीं है.

क्या कहा मौसम विभाग ने?

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अप्रैल-जून की अवधि के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में इसकी उच्च संभावना है. इसी क्रम में आईएमडी ने एक बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों में 7 अप्रैल तक लू की कोई चेतावनी नहीं है. इससे साफ है कि गर्मी का असर इस बार गेहूं की फसल पर नहीं दिखेगा, इसलिए गेहूं की पैदावार गिरने की आशंका न के बराबर है.

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महापात्र ने कहा, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है. इस अवधि के दौरान मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवा चलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्यतः चार से आठ दिनों की तुलना में दस से 20 दिनों तक लू चलने की आशंका है.

महापात्र ने कहा, "मध्य प्रदेश में इस समय तापमान 37-40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और अगले सप्ताह 42 डिग्री तक जाने की संभावना है. चूंकि राज्य में गेहूं की कटाई का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है, इसलिए कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा." केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अगर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया तो भी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

भारत ने 2022-23 के दौरान 110.55 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन किया. इसमें से उत्तर प्रदेश का हिस्सा 30.40 प्रतिशत, मध्य प्रदेश का 20.56 प्रतिशत, पंजाब का 15.18 प्रतिशत, हरियाणा का 9.89 प्रतिशत और राजस्थान का 9.62 प्रतिशत था.

कैसा रहेगा मौसम?

गर्मी की लहरों के शुरुआती हमले ने 2022 में भारत में गेहूं की फसल को प्रभावित किया, उत्पादन 2021 में 109.59 मिलियन टन से घटकर 107.7 मिलियन टन हो गया. इसने देश, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक भारत को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर कर दिया. गेहूं की फसल अक्टूबर में बोई जाती है और अधिकांश हिस्सों में कटाई अप्रैल के आसपास शुरू होती है. आईएमडी ने बताया कि 80-85 प्रतिशत गेहूं की फसल या तो जल्दी या समय पर 25 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच बोई गई थी, जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक बोए गए क्षेत्र में गर्मी सहने वाली किस्मों को लगाया गया था.

इस साल गेहूं का उत्पादन करीब 112-114 मिलियन टन होने की उम्मीद है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि देश का गेहूं उत्पादन 2017-18 में 99.87 मिलियन टन से बढ़कर 2022-23 में 110.55 मिलियन टन हो गया और इस अवधि के दौरान गेहूं की खेती का क्षेत्रफल 29.67 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 31.78 मिलियन हेक्टेयर हो गया.

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मौसम कार्यालय ने कहा कि अप्रैल में मध्य भारत के कई इलाकों और उत्तरी मैदानी इलाकों और दक्षिण भारत के आसपास के इलाकों में सामान्य से अधिक गर्मी वाले दिन रहने की संभावना है. महापात्र के अनुसार, इन क्षेत्रों में सामान्यतः एक से तीन दिनों की तुलना में दो से आठ दिनों तक लू चलने की आशंका है. गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिमी मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में अप्रैल में गर्मी का सबसे बुरा असर होने का अनुमान है. भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में होंगे.