मॉनसून अभी पूरी तेजी पर है. लगातार बारिश से बाढ़ के हालात हैं. देश का कोई कोना ऐसा नहीं, जहां बाढ़ का पानी तबाही लेकर न आया हो. सबसे भीषण असर हिमाचल प्रदेश में देखा जा रहा है. हालिया घटना यहां के रामपुर डिवीजन का है. शिमला के पास रामपुर सब डिवीजन में बाढ़ का पानी जबरदस्त तबाही लेकर आया है. रामपुर के कांधार गांव में दो जगहों पर फ्लैश फ्लड से बड़ी तबाही की खबर है. घरों के आस-पास मलबा पड़ा है. मौसम विभाग के मुताबिक कई जगहों पर बादल फटने की आशंका है. इस इलाके में पहले भी बादल के फटने की घटना हो चुकी है जिसकी वजह से झाकरी और जियोरी इलाके में लैंडस्लाइड की घटना हुई. आसपास की पूरी खेती चौपट हो गई है.
चश्मदीदों के मुताबिक इलाके के तमाम बरसाती नाले उफान पर हैं जिसकी वजह से कांधार इलाके में करीब 17 भेंड़ें और बकरियां तेज धार में बह गईं. हालांकि वहां अभी तक किसी इंसानी जिंदगी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. उधर उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में भी मॉनसून की बारिश अब तक बहुत कुछ तबाह और बर्बाद कर चुकी है. पहाड़ों पर भी मॉनसून की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही. बागेश्वर जिले में गुरुवार देर शाम से तेज बारिश हुई थी. बरसाती नालों में अचानक पानी आने से कई जगहों पर सड़कों को नुकसान पहुंचा है. पोथिंग सड़क भारी वाहनों के चलने के लिए बंद हो गई है. भारी बारिश की वजह से 18 जगहों पर पहाड़ से मलबा गिरा पड़ा है. जगह-जगह जेसीबी मशीनों से सड़कों को खोलने की कोशिशें जारी हैं.
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उधर ओडिशा का हाल बहुत बुरा है. यहां आसमान से आफत ही बरसती दिखाई दे रही है. तभी तो दक्षिण ओडिशा के मलकानगिरी जिले में कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. आलम ये है कि यहां एक हाईवे तेज बारिश की वजह से बह गया और छह गांवों से संपर्क पूरी तरह से कट गया है. बताया जा रहा है कि उन छह गांवों में करीब तीन हजार से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं. तेलंगाना और आंध्रप्रदेश भी हाल के वर्षों में बाढ़ की सबसे बडी मार झेल रहे हैं. तेलंगाना में कम से कम छह नदियां ऐसी उफनी कि शहरों में पानी घुस गया. पहाड़ों में भी हालात अब तक खराब है. हिमाचल और उत्तराखंड में दो दिन का अलर्ट जारी किया गया है. पहाड़ों में कई हादसे हुए हैं.
आधे देश में बाढ़ ने कहर बरपा रखा है. कई सूबों में शुक्रवार से बाढ़ से हालात और खराब हो सकते हैं. गोवा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश औऱ छत्तीसगढ़ में शुक्रवार से भारी बारिश हो सकती है. लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है. महाराष्ट्र के करीबी तेलंगाना में भी बाढ़ से हालात खऱाब हैं. नदी नाले उफान पर हैं. खम्मम में इतनी बाढ़ आई कि एक शख्स कई घंटे तक पेड़ पर फंसा रहा. कई परिवारों को अपने घरों की छतों पर ही रात गुजारनी पड़ी. ओडिशा के हनुमकोंडा में हालात खतरनाक हो चले हैं. एक शख्स उफनती नदी को पार करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कुछ ही मिनटों के भीतर तेज लहरों में बह गया. उस शख्स ने खुद को संभालने की काफी कोशिश की लेकिन नाकाम रहा.
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वारंगल जिला भी बुरी तरह बाढ़ की चपेट में है. भद्रकाली मंदिर के आसपास पानी भर गया है. लोग बाढ़ के पानी में फंसे हैं. मुलुगू में बाढ़ के पानी में 40 लोग फंस गए. वारंगल के पुलिस हेडक्वार्टर में पानी भर गया. सीडीसी कॉलेज के आसपास भी सडकों पर कई फुट पानी जमा दिखा.
पहाड़ी सूबों में पूरे हिमाचल में शुक्रवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. शिमला में सुबह से लगातार बारिश हो रही है. दूसरे पहाड़ी सूबे उत्तराखंड में भी हालात खराब हैं. टिहरी और घनसाली में कई नाले उफान पर हैं. कई मकान ध्वस्त हो चुके हैं. घरों में बाढ़ के बाद लैंड स्लाइड होने से मलबा घुस गया है.
गुजरात में भी आफत अभी खत्म नहीं हुई है. नवसारी जिला कई दिन से बाढ की मार झेल रहा है. अब एक बार फिर नवसारी में मूसलाधार बारिश के बाद जलभराव हो रहा है. स्कूलों को फिर बंद कर दिया गया है. शहर में भारी बारिश के बाद नवसारी जिला प्रशासन अलर्ट पर है. कुछ इलाकों में पांच इंच तक बारिश हुई है. यूपी के मेरठ में भी भारी जलभराव हो गया. पूरे देश में मॉनसून की जमकर बारिश हो रही है. और ऐसे में बाढ़ ने जीना मुहाल कर दिया है.
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