
आज के समय दूसरे क्षेत्रों के साथ खेती-किसानी में भी महिलाएं अपना जलवा बिखेर रही हैं. वे किसी भी मामले में पुरूष किसानों से कम नहीं हैं. महिला किसानों को लेकर आमतौर पर यह सोचा जाता है कि वे केवल खेती में मजदूरी का ही काम करती हैं. असल में यह बात सच नहीं है. इसकी गवाही बांका जिले के गांव इनारावरण रहने वाली बिंदु बाला दे रही हैं, वह बहुत छोटे जमीन के टुकड़े से सब्जी और मोटे अनाज की खेती से सालाना एक लाख से अधिक की कमाई कर लेती हैं.
दरअसल इतना लाभ कमाने के पीछे बिंदु बाला का खेती के नई तकनीक पर भरोसा है, जिससे वह कम जमीन में बंपर उपज लेती है. उन्होंने अभी फ्रेंचबीन्स खेती के लिए ग्रीनहाउस तकनीक अपनाई है, यानी खेतों में शेड नेट हाउस लगाकर फसल में तापमान नियंत्रण, कीटों से सुरक्षा और कम पानी में अच्छी फसल लेने की योजना बनाई. उन्होंने खेती की बारीकियों और तकनीक को सही तरीके से फ्रेंचबीन की खेती में अमल किया, जिसका नतीजा ये रहा कि बिंदु बाला ने 10 डिसमिल खेत से अब तक 10 क्विंटल तक फ्रेंचबीन्स का उत्पादन लिया है, जबकि सामान्य तौर पर इतनी जमीन में पांच क्विंटल तक का उत्पादन मिलता है.
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बिंदु बाला बिहार के जीविका मिशन के साथ जुड़कर महिला समूह के जरिए खेती करती है. रोहतास जिले में अधिकतर किसान धान -गेहूं फसल चक्र अपनाते हैं और सालाना 50 से 60 हजार प्रति एकड़ लाभ कमा पाते हैं. वहीं बिंदु बाला धान- गेहूं फसल खेती की जगह आलू, ओल, फ्रेंचबीन्स, मक्का सहित अन्य फसलों की खेती करती है और 10 डिसमिल जमीन से साल भर में एक लाख की कमाई कर लेती है. बिन्दु बाला कहती हैं कि साल 2018 में वह जीविका द्वारा बनाए गए समूह से जुड़ने के बाद खेती में ज्यादा रूचि लेने लगी. इसके बाद लाभ देने वाली खेती बारिकियों को समझकर अपने खेतों में लाभ देने वाली फसलों की खेती करने लगी. उन्होंने बताया कि साल 2022 में एचडीएफसी बैंक के परिवर्तन उद्यमी परियोजना अंतर्गत उनके पंचायत की दो महिला को ग्रीन हाउस का लाभ मिला, जिसमें मेरा एक नाम था.
उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने ग्रीन हाउस में खेती के तरीके को समझने के लिए रांची में प्रशिक्षण लिया और दिसंबर 2022 में पहली बार 10 डेसीमिल फ्रेंच बीन्स लगाई, जिसमें 5 हजार रुपए तक खर्च आया है. उन्होंने बताया कि फ्रेंचबीन्स से वे तीन महीने के अंदर 10 क्विंटल तक बीन्स का उत्पादन ले चुकी हैं और उन्हें आने वाले दिनों में चार से पांच क्विंटल तक फ्रेंचबीन्स उत्पादन मिलने की उम्मीद है. बिन्दु बाला का कहना कि फ्रेंचबीन्स इस उत्पादन से अभी तक उनकी शुद्ध कमाई 20 से 21 हजार रुपए तक हुई है.
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पांच लोगों के परिवार की सदस्या बिंदु बाला घर की गृहस्थी में अपने पति का 23 साल से साथ दे रही हैं. वह किसान तक को बताती हैं कि साल 2000 में जब उनकी शादी हुई थी. उस समय गांव की महिलाओं को घर से बाहर निकलना सही नहीं माना जाता था, लेकिन आज गांव की महिलाएं घर से बाहर निकलकर पुरुष समाज के साथ खेती सहित अन्य कामों में मदद कर रही हैं. आगे वह बताती हैं कि उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद आंगनबाड़ी में सेविका पद पर कार्यरत हैं. साथ ही आज खेती के दम पर जिले में एक अलग पहचान है. वहीं कम जगह में अधिक फ्रेंच बीन्स उत्पादन करने वाली महिला के बारे में जिला के कृषि पदाधिकारी बताते हैं कि फ्रेंच बीन्स की खेती के बारे में उनको भी जानकारी दी गई है. ये जिले के लिए काफी गर्व की बात है और महिला किसान अब जिले में एक अलग पहचान बनाने की ओर अग्रसर है.
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