मुख्तार अंसारी पर कभी लगाया था पोटा, अब ब‍ैलों से ब‍िजली बना रहे पूर्व ड‍िप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह

मुख्तार अंसारी पर कभी लगाया था पोटा, अब ब‍ैलों से ब‍िजली बना रहे पूर्व ड‍िप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह

यूपी पुल‍िस के पूर्व एसपी शैलेंद्र सिंह ने किसान तक से बातचीत में बताया कि सपा शासनकाल और बसपा शासनकाल से मिली प्रताड़ना के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. इसके बाद 2016 मार्च में उन्होंने सुभाष पालेकर के प्राकृतिक खेती के मॉडल को समझा. उन्होंने देसी गाय के महत्व को करीब से समझा वे बताते हैं कि देसी गाय ,देसी बीज और केचुआ ही हमारी खेती का मुख्य आधार रहे हैं.

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मुख्तार अंसारी पर कभी लगाया था पोटा, अब ब‍ैलों से ब‍िजली बना रहे पूर्व ड‍िप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह

क्राइम से लेकर राजनीति‍ तक मुख्तार अंसारी क‍िसी पहचान के मोहताज नहीं रहे हैं. माना जाता था क‍ि राजनीत‍ि से लेकर क्राइम की दुन‍िया में मुख्तार अंसारी से अदावत ठीक नहीं हाेती है. लेक‍िन, 2004 में यूपी पुल‍िस के पूर्व ड‍िप्टी एसपी शैलेेंद्र स‍िंह कुछ इसी अंदाज में चर्चा में आए थे. मुलायम स‍िंह की सरकार के कार्यकाल में शैलेंद्र स‍िंह स‍िंह ने 2004 में मुख्तार अंसारी से लाइट मशीन गन की रिकवरी की थी, ज‍िसके बाद उन्होंने मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाया था. नतीजतन कुछ द‍िनों बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

इस घटना के बाद शैलेंद्र स‍िंह देशभर में चर्चा में आ गए थे. वक्त के पह‍िए के आगे बढ़ने के साथ एक बार फ‍िर शैलेंद्र स‍िंंह देशभर की चर्चा में बने हुए हैं. लेक‍िन, इस बार कहानी में मुख्तार अंसारी, पोटा की जगह बैल, गाय और नंदी रथ आ गए हैं. जी हां... यूपी पुल‍िस के पूर्व अध‍िकारी शैलेंद्र स‍िंंह इन द‍िनों बैलों से ब‍िजली बनाने को लेकर सुर्खि‍यों में हैं. आइए जानते है एक पुल‍िस अध‍िकारी एक इनावेटर बनने की पूरी कहानी...

'केस वापस लेने को कहा और इस्तीफा दे दि‍या'      

क‍िसान तक ने शैलेंद्र स‍िंह से एक पुल‍िस अध‍िकारी से एक इनावेटर तक की यात्रा को लेकर बातचीत की. उन्होंने इसको लेकर बताया क‍ि जब मुख्तार अंसारी पर उन्होंने पोटा लगाया था, तो उस दौरान मुलायम सिंह यादव की सरकार हुआ करती थी. उन्होंने आगे कहा क‍ि मुख्तार अंसारी के दबाव के चलते सरकार ने उनसे केस वापस लेने को कहा. लेक‍िन, उन्होंने मना कर द‍िया. शैलेंद्र स‍िंह ने बताया क‍ि इसके बाद उनकी मुश्क‍िलें बढ़ गई और उन्हें सरकारी तरीके से प्रताड़‍ित क‍िया जाने लगा. 

इस्तीफा और बेचनी पड़ी पुश्तैनी जमीन  

चंदौली जनपद के रहने वाले शैलेंद्र सिंह 1991 में डिप्टी एसपी के पद पर भर्ती हुए हुए थे. शैलेंद्र सिंह शुरू से ही एक तेजतर्रार अधिकारी के तौर पर अपनी पहचान रखते रहे हैं. उन्होंने मुख्तार अंसारी के नेटवर्क को खुले तौर पर तोड़ने की कोशिश की. मुख्तार अंसारी राजनीतिक रूप से मजबूत पकड़ रखते थे. इसी के चलते शैलेंद्र से ऊपर राजनीतिक दबाव भी पड़ा. शैलेंद्र स‍िंह बताते हैं क‍ि सरकारी प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने 11 फरवरी 2004 को नौकरी से इस्तीफा दे दिया.

डिप्टी एसपी रहे शैलेंद्र सिंह बताते हैं क‍ि इस्तीफा देने के बाद 17 साल तक उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ी. इस दौरान उन्हें अपनी पुश्तैनी जमीन तक बेचनी पड़ी. लेकिन इस बीच उन्होंने हौसला नहीं हारा.

2016 की एक मुलाकात और देशी गाय      

सरकारी स‍िस्टम से जंग लड़ रहे पूर्व पुल‍िस अध‍िकारी के जीवन में गाय की इंट्री को लेकर क‍िसान तक ने उनसे पूछा. ज‍िसकी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया क‍ि मार्च 2016 में वह सुभाष पालेकर से मिले. इसके बाद उन्होंने भी देसी गायों को बचाने के लिए काम करना शुरू किया. ज‍िसके एक मॉडल के रूप में नंदी रथ बनकर तैयार हुआ है. उन्होंने बताया क‍ि उन्होंने सुभाष पालेकर से प्राकृतिक खेती के मॉडल को समझा और ट्रेनिंग ली, ज‍िसमें उन्होंने देसी गाय के महत्व को करीब से समझा. वे बताते हैं कि देसी गाय ,देसी बीज और केचुआ ही हमारी खेती का मुख्य आधार रहे हैं. इसी वजह से मेरा प्रयास है कि फसल की लागत को कम करके किसान को एक अच्छा और सफल मॉडल दिया जा सके.

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बैलों के लिए बना नंदी रथ खूब है चर्चित

पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया क‍ि दूध और प्राकृतिक खेती का आधार होने के कारण आज गाय की पूछ बढ़ गई है. तो वहीं खेती में बैल पूरी तरीके से उपयोग से बाहर हो चुके हैं. इसी वजह से उन्होंने नंदी रथ नाम का एक ऐसी तकनीक का विकास किया है, जिसके जरिए बैलों को उपयोग बढ़ेगा. तो वहीं इससे बिजली की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा. उन्होंने बताया क‍ि नंदी रथ के माध्यम से किसान भी ब‍िजली पैदा कर सकेंगे.

वहीं अपने खेतों की सिंचाई भी बड़े आसानी से कर सकेगा. इसके अलावा चक्की चलाकर आटा भी पीस सकेंगे. उन्होंने बताया क‍ि किसानों को नंदी रथ के माध्यम से कई तरह से फायदा होगा. वहीं उसकी आमदनी भी बढ़ेगी. 

किसान को राजा बनाने के लिए जारी है काम

पूर्व डिप्टी एसपी शैलेश सिंह का मानना है कि भारत का मुख्य आधार कृषि है. इसी वजह से किसान को फिर से राजा मनाने के लिए उनका प्रयास जारी है. वह कृषि किस क्षेत्र में फसल की लागत कम करने, फसल को जहर मुक्त करने और देसी गाय के महत्व को दोबारा से स्थापित करने से किसान फिर से अच्छी स्थिति में पहुंच जाएगा. इसलिए वह देसी गाय के गोबर, देसी बीज और केचुआ के माध्यम से खेती की लागत को कम करके किसान का मुनाफा बढ़ाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.

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