Urea Crisis: यूरिया पर मारामारी! मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर गल्ला मंडी में झड़प, काबू करने के लिए बुलानी पड़ी पुलिस

Urea Crisis: यूरिया पर मारामारी! मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर गल्ला मंडी में झड़प, काबू करने के लिए बुलानी पड़ी पुलिस

Urea Crisis: इस वक्त खरीफ की फसल के लिए अधिकतर राज्यों में किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. कुछ वितरण केंद्रों पर तो हालात अब मारपीट और झड़प तक पहुंच रहे हैं. ऐसी ही एक घटना मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर की गल्ला मंडी से आई है जहां के खाद वितरण केंद्र पर खाद के लिए लाइन में लगे किसानों के बीच झड़प हो गई. हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस बुलानी पड़ी.

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यूरिया पर मारामारी! मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर गल्ला मंडी में झड़प, काबू करने के लिए बुलानी पड़ी पुलिसयूरिया खाद के लिए वितरण केंद्र पर हुई झड़प

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर की गल्ला मंडी स्थित खाद वितरण केन्द्र पर सोमवार को उस वक्त हंगामा मच गया, जब बड़ी संख्या में किसान यूरिया खाद लेने पहुंच गए. खाद मांग अधिक और उपलब्धता कम होने के कारण किसानों में आक्रोश पनप गया. वितरण केन्द्र पर किसान लंबी-लंबी लाइनें लगा रहे हैं और घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है. लंबी लाइन से तंग आकर कुछ किसानों ने लाइन तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद वितरण खिड़की पर धक्का-मुक्की और झड़प के हालात बन गए. विवाद इतना बढ़ गया कि विभाग को पुलिस बुलानी पड़ी. मौके पर पहुंची पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए स्थिति को संभाला और किसानों को संयमित ढंग से खाद वितरण कराने का प्रयास किया. मगर बावजूद इसके भी बहुत से किसान खाद लेने से वंचित रहे.

रातभर लगाने के बाद भी खाद की गारंटी नहीं

किसानों का कहना है कि वे पूरी रात से लाइन में लगे हैं, लेकिन फिर भी खाद मिलने की कोई गारंटी नहीं दिख रही. एक किसान ने बताया कि रात भर से लाइन में खड़े होने के बाद भी पता नहीं खाद मिलेगा या नहीं. खाद बहुत जरूरी है, नहीं तो फसल नहीं चलेगी. बता दें कि इस समय जिले में सोयाबीन, धान, मक्का और गन्ने की फसलों के लिए यूरिया खाद की सख्त जरूरत हैं.

गल्ला मंडी में लाइन में लगे किसानों का कहना है कि अन्य वितरण केन्द्रों पर यूरिया खाद उपलब्ध नहीं है, इसलिए सभी नरसिंहपुर गल्ला मंडी स्थित वितरण केंद्र पर पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि यहां लाइनें और हंगामा लगातार बढ़ रहा है. एक किसान जो रातभर से लाइन में लगा था, उसने बताया कि यहां नियम से खाद नहीं दिया जा रहा है. कुछ लोग यहां गुंडागर्दी करते हुए अंदर घुस गए और सामने वाले को मार दिया.

मूंग खरीद के लिए परेशान किसान

वितरण केंद्र पर मौजूद एक किसान ने बताया कि 1000 रुपये की एक बोरी मिल रही है और यहां खुल्ला ब्लैक में खाद बेची जा रही है. इस वितरण केंद्र पर रात 1 बजे से ही लाइन लगना शुरू हो गई थी. किसानों का कहना है कि इस मंडी में ना तो मूंग की तुलाई हो रही है और ना ही यूरिया बांटी जा रही है. किसान कह रहे हैं कि डेढ़ महीने की फसल हो गई मगर अभी तक खेतों में यूरिया का एक दाना नहीं पड़ा है. मंडी में रोज की बस एक ही ट्रॉली मूंग तोली जा रही है.

वहीं दूसरी तरफ डीएमओ मनीष चौरसिया का कहना है कि फिलहाल केवल 24 बोरी खाद ही बचे है. जल्द ही और स्टॉक आने की उम्मीद है. खाद वितरण में नियमों की अवहेलना की बात को अधिकारी ने सिरे से खारिज कर दिया. फिलहाल यूरिया की किल्लत और किसानों की लंबी लाइनें प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं. जरूरत है कि जल्द से जल्द जिले में खाद की आपूर्ति बढ़ाई जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके.

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