Monsoon 2023: जाते-जाते जुलाई कहां लाएगी बारिश, कहां बरकरार रहेगा सूखा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Monsoon 2023: जाते-जाते जुलाई कहां लाएगी बारिश, कहां बरकरार रहेगा सूखा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

जुलाई महीने में कुछ ही दिन बाकी हैं. यह महीना घोर बारिश का होता है. ऐसे में हमें जना लेना जरूरी है कि इस महीने के अंत तक कहां बारिश होगी औऱ कहां कम बारिश की वजह से सूखे की आशंका बनी रहेगी. झारखंड ऐसा राज्य है जहां 45 फीसद तक बारिश की कमी है जिससे वहां सूखे के हालात बने हैं.

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Monsoon 2023: जाते-जाते जुलाई कहां लाएगी बारिश, कहां बरकरार रहेगा सूखा, पढ़ें पूरी रिपोर्टजुलाई में कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है

अब जुलाई में महज कुछ ही दिन बचे हैं. जुलाई का महीना भारी बारिश का होता है. ऐसा देखा भी जा रहा है कि कई राज्यों में औसत से अधिक बारिश हो रही है. इससे बाढ़ के हालात हैं. लेकिन इससे इतर कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां बारिश का भारी सूखा है. सूखे वाले राज्यों में बिहार, झारखंड, तेलंगाना, केरल और महाराष्ट्र सहित मध्य प्रदेश के कुछ इलाके शामिल हैं. ऐसे में ये जान लेना जरूरी है कि जुलाई के बाकी बचे दिनों में कहां कितनी बारिश की संभावना है. यह भी जान लें कि सूखा प्रदेशों में बरसात होगी या वहां हालात जस के तस बने रहेंगे. 

ओडिशा में अभी तक बारिश की स्थिति ठीक नहीं रही है. ओडिशा के कई इलाकों में सूखे के हालात बन रहे हैं. लेकिन हालिया पूर्वानुमान बताता है कि वहां अच्छी बारिश दर्ज की जा सकती है. इसकी वजह है बंगाल की खाड़ी में बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र. मंगलवार से बंगाल की खाड़ी में बड़ा मौसमी बदलाव देखे जाने की संभावना है जिससे कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की जाएगी. 

ओडिशा

आईएमडी ने कहा है कि मंगलवार को मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायगड़ा, गजपति और गंजाम में सात से 11 सेमी तक भारी बारिश होने की संभावना है, साथ ही दक्षिण आंतरिक ओडिशा में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. आईएमडी ने मंगलवार और बुधवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसमें कहा गया है कि मंगलवार को गजपति, गंजम, पुरी, मलकानगिरी, कोरापुट और रायगढ़ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर सात से 20 सेमी तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. 

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जिन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, उनमें नबरंगपुर, कालाहांडी, कंधमाल, बलंगिर, नयागढ़, खुर्दा, कटक, जगतसिंहपुर और मयूरभंज का नाम है. 

हिमाचल प्रदेश

ओडिशा के बाद दूसरा राज्य हिमाचल प्रदेश है जहां के लिए मौसम विभाग ने जुलाई के आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. शिमला के मौसम कार्यालय ने 26 और 27 जुलाई को राज्य के 12 में से आठ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और लैंडस्लाइड, बाढ़ को लेकर आगाह किया है. हिमाचल में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और 24 जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 164 लोगों की मौत हो गई है. राज्य को अभी तक 5,269 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

कर्नाटक

अभी तक कर्नाटक में बारिश की भारी कमी देखी जा रही थी. लेकिन यह कमी दूर होती जा रही है. कर्नाटक के कई इलाकों में दो दिन से भारी बारिश दर्ज की जा रही है. खासकर तटीय और दक्षिणी इलाकों में बरसात तेज हो रही है. पिछले दो महीने में यहां सूखे के हालात थे, लेकिन जुलाई अंत में होने वाली बारिश इसकी भरपाई कर रही है. किसान तेजी से अपनी फसलें लगा रहे हैं. तटीय कर्नाटक के सभी जिलों और दक्षिणी क्षेत्र के चिक्कमगलुरु, कोडागु, शिवमोग्गा जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.

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इसके अलावा जिन इलाकों में भारी बारिश हो सकती है, उनमें बेलगावी, धारवाड़, गडग, हावेरी, कोप्पल, याडगिर जिले शामिल हैं. हसन और बेल्लारी जिले में भी भारी बारिश की संभावना है. दो दिन पहले तटीय जिलों के साथ-साथ चिक्कमगलुरु, कोडागु और शिवमोग्गा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था, जबकि हसन, बेल्लारी, याडगिर, कोप्पल, हावेरी, गडग, धारवाड़ और बेलगावी में येलो अलर्ट जारी किया गया था.

झारखंड-बिहार

जिन क्षेत्रों में सूखे की स्थिति बनी हुई है और आगे भी इसकी आशंका है, उनमें बिहार, झारखंड और यूपी के पूर्वी इलाके शामिल हैं. झारखंड में 45 फीसद बारिश की कमी है जिससे कई इलाकों में खरीफ फसलों की बुआई नहीं हो पा रही है. एक आंकड़े के मुताबिक, 21 जुलाई तक 28.27 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के मुकाबले केवल 4.15 लाख हेक्टेयर या कृषि योग्य भूमि के केवल 14.71 प्रतिशत हिस्से में ही खरीफ फसलें बोई गईं. पिछले साल इसी अवधि में लगभग 20.40 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर खेती की गई थी. सीजन की मुख्य फसल धान की बुआई भी बहुत कम हुई है. झारखंड में एक जुलाई से 20 जुलाई तक धान की बुआई होती है, लेकिन कम बारिश से बुआई पूरी तरह से पिछड़ गई है. बिहार में भी सूखे की ऐसी ही स्थिति देखी जा रही है.

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