
कोविड के दौर में जहां मानव जीवन पर ही गहरा संकट बना हुआ था. उस दौर में मैंने कम लागत से अपना खुद का मोमबत्ती और आर्ट एंड क्राफ्ट के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू किया था. उस समय मुझे भी यकीन नहीं था कि कम समय में कंपनी और मुझे एक अलग पहचान मिल जाएगी. इस दिवाली करीब पंद्रह लाख मिठाई के आकार सहित डिजाइनर मोमबत्ती का कारोबार किया है. यह शब्द पटना की रहने वाली रितिका की है. इन्होंने आज से तीन साल पहले दस हज़ार रुपये से मोमबत्ती और हैंडी क्राफ़्ट के क्षेत्र में अपना स्टार्टअप शुरू किया था. लेकिन तीन सालों के अंदर अपनी कंपनी की वैल्यू तीस लाख तक पहुंचा दी है.
दिवाली में वैसे तो मिठाई और डिजाइनर दीये और सुगंधित मोमबत्ती की खूब डिमांड रहती है. इसी को देखते रितिका इस बार मिठाई और मोमबत्ती का कॉम्बिनेशन करके मोमबत्ती बनाई है. ये कहती है कि उन्होंने मिठाई के आकार वाली सुगंधित मोमबत्ती सोयाबीन के तेल से निकले वेस्ट मटेरियल सोयावेक्स से बनाई है. जिसमें का गाजर का हलवा, रसगुल्ला, गुलाब जामुन,रसमलाई, लड्डू,केक जैसे कई मोमबत्ती शामिल है. इनके द्वारा बनाई गई मिठाई के आकार की मोमबत्तियों को देख पहली बार में हर कोई धोखा खा जाएगा.
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किसान तक से बातचीत करते हुए रीतिका कहती हैं कि उन्होंने ने पटना विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. बचपन से ही आर्ट एंड क्राफ्ट में रुचि होने की वजह उन्होंने डिजाइनर मोमबत्ती सहित मधुबनी पेंटिंग का काम एक स्टार्टअप के तौर पर शुरू किया . आगे वे कहती है कि पहली बार साल 2020 में 10 हजार रुपये की लागत से मोमबत्ती तैयार की थी. उसके पटना विमेंस कॉलेज के बाहर उसे बेचा था. उस समय यकीन नहीं था कि दस हजार वाली कंपनी का आज वैल्यू तीस लाख रुपये की हो जाएगी. रीतिका खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ कई महिलाओं की रोजगार भी दे रही है. करीब वे बारह लोगों को सीधे तौर पर रोजगार दे रही है. इसके साथ ही दस महिलाएं घर से काम करती है.
रीतिका बताती है कि इस दिवाली करीब पंद्रह लाख डिजाइनर मोमबत्ती बेच चुकी है. वहीं दिवाली से एक महीने पहले का कारोबार छह लाख रुपये तक का हुआ था. दिवाली बीत जाने के बाद इस महीने की कमाई का अनुमान लगाया जा सकता है. आगे वे कहती है कि उनके द्वारा बनाए गए मोमबत्ती सहित अन्य तरह के प्रोडक्ट राज्य के विभिन्न जिलों के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत अन्य कई राज्यों में भी जाते हैं.
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