अगर मेहनत, हौसला और जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है. राजस्थान के 2 किसानों ने इसे साबित कर दिखाया. दोनों किसानों ने मरुधरा में स्ट्रॉबेरी की खेती की और लाखों की कमाई कर रहे हैं. किसान नारायण सिंह और डॉक्टर महेश दवे ने मिलकर मेवाड़ की मरुधरा में स्ट्रॉबेरी की खेती का सपना सच कर दिखाया. दोनों ने 65 हजार वर्ग फीट में स्ट्रॉबेरी की खेती की.
किसान और प्रोफेसर का कमाल-
नारायण सिंह मूल रूप से उदयपुर के मावली तहसील के आसलियों की मादड़ी गांव के रहने वाले हैं. नारायण बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी करते थे. लेकिन खेती में कुछ नया करना करना चाहते थे. जबकि डॉ. महेश दवे उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं. उनकी भी रुचि खेती में है. डॉ. दवे की कुछ जमीन कुंडा गांव में है. जब डॉ. दवे की मुलाकात नारायण सिंह से हुई तो दोनों ने मिलकर स्ट्रॉबेरी की खेती का फैसला किया.
राजसमंद में स्ट्रॉबेरी की खेती-
स्ट्रॉबेरी की खेती हिमाचल प्रदेश जैसी जगहों पर होती है. लेकिन नारायण सिंह और डॉ. महेश दवे ने इसे राजस्थान में उगाने का फैसला किया. परिस्थितियां विपरीत होने पर भी दोनों ने हार नहीं मानी. दोनों ने स्ट्रॉबेरी की खेती पर रिसर्च किया और इसके बारे में जानकारी हासिल की. रिसर्च के बाद इस सोच को जमीन पर उतारने का काम किया.
दोनों ने मिलकर राजसमंद के कुंडा गांव में 65 हजार वर्ग फीट इलाके में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की. दोनों ने अक्टूबर महीने में स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए. इसके बाद पौधों की देखभाल की. जरूरी खाद दिए. परागण के लिए मधुमक्खियों का सहारा लिया. 2 महीने बाद दिसंबर में खेत स्ट्रॉबेरी की अच्छी फसल हुई.
दोनों ने इसमें 8 लाख रुपए खर्च किए. इससे अब तक 2 लाख रुपए की कमाई हो चुकी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि फसल चक्र पूरा होने तक 16 लाख रुपए की कमाई हो सकती है.
नारायण सिंह और डॉ. दवे स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सुबह से ही जुट जाते हैं. इसके लिए 4 लोगों की टीम भी बनाई है, जो स्ट्रॉबेरी के पौधों की देखभाल करते हैं. स्ट्रॉबेरी का पौधा काफी नाजुक होता है. इसलिए इसका खास ध्यान रखना पड़ता है.
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए क्या चाहिए?
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आदर्श तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए. बलुई दोमट मिट्टी और जैविक खाद का इस्तेमाल होता है. मिट्टी का पीएच 5-6.5 के बीच होना चाहिए. खेत में पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद डालनी चाहिए. सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल करना चाहिए. स्ट्रॉबेरी की फसल तैयार होने में 60 से 80 दिन का समय लगता है. एक एकड़ में 6 से 10 टन स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होता है.
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