
जहां एक तरफ सरकार की ओर से किसानों को फसली चक्कर से बाहर निकालने के जतन किए जा रहे हैं. वही पठानकोट के जंगला भवानी गांव का एक नौजवान किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बना है. यह युवा किसान इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर बागवानी को अपना रहा है और इसमें कई कामयाबी हासिल की है. पहले तीन साल ड्रैगन फ्रूट की खेती की अपार सफलता के बाद अब स्ट्रॉबेरी की खेती में बड़ा नाम कमाया है. इस किसान ने ड्रिप इरिगेशन और अत्याधुनिक तकनीक से स्ट्रॉबरी की खेती की है. इस किसान का नाम रमन सलारिया है.
रमन सलारिया की स्ट्रॉबेरी की खेती ने फल देना शुरू कर दिया है. सलारिया बताते हैं कि नवंबर महीने से स्ट्रॉबरी की प्लांटेशन शुरू की जाती है और मई महीने तक इसकी खेती चलती है. रमन सलारिया बताते हैं कि उन्होंने एक एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबरी की खेती की है जिसका पूरा खर्च चार से पांच लाख के बीच में आ रहा है. खेती का सारा खर्चा निकाल कर मुनाफा ढाई लाख रुपया प्रति एकड़ मिलता है. स्ट्रॉबरी की पैकिंग भी खेतों में ही की जाती है जिसके बाद उसे पठानकोट सहित आसपास के कई मंडियों में भेजा जाता है.
खेती के बारे में बात करते हुए किसान रमन सलारिया ने कहा कि रोजाना स्ट्रॉबरी के फल को तोड़ा जाता है, पैक किया जाता है और रोजाना इसकी खपत मंडियों में हो जाती है. उन्होंने कहा कि स्ट्रॉबेरी के फल का जो साइज़ और कलर मिल रहा है, वैसा मंडियों में कहीं नजर नहीं आता है. उन्होंने कहा कि एक एकड़ में चार से पांच लाख रुपये खर्च आता है और इसमें करीब दो से ढाई लाख रुपये कमाई हो जाती है.
ये भी पढ़ें: पशुओं के लिए पूरे साल हरे चारे की नहीं होगी कमी, अपनाएं यह तरीका
किसान रमन सलारिया कहते हैं कि स्ट्रॉबेरी छह महीने की फसल है और इसमें कमाई भरपूर है. उन्होंने दूसरे किसानों को भी फसली चक्र से बाहर निकलने और आधुनिक तकनीक से फसल की पैदावार करने की अपील की. वहीं दूसरे किसानों ने भी रमन सलारिया के इस प्रयास की सराहना की है. सलारिया के गांव में रहने वाले किसान वरिंदर कुमार कहते हैं, रमन सलारिया खेती में बढ़िया प्रयास कर रहे हैं जो कि दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहा है. पहले उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी जिससे पठानकोट के कई किसान प्रभावित हुए हैं और अब स्ट्रॉबेरी की खेती में भी वे मुनाफा कमा रहे हैं. इसमें कृषि विभाग उनकी मदद कर रहा है.
ये भी पढ़ें: किसान खेती में करें गाय के गोबर का इस्तेमाल, हरियाणा सरकार देगी 25 हजार रुपये- कृषि मंत्री जेपी दलाल
रमन सलारिया स्ट्रॉबेरी की खेती से पहले ड्रैगन फ्रूट की खेती करते थे. उन्होंने कई साल इस फल की खेती की है और उसमें अच्छी आमदनी कमाई है. ड्रैगन फ्रूट की खेती के बाद सलारिया ने स्ट्रॉबेरी पर हाथ आजमाया जिसमें वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पंजाब के पठानकोट में इनकी खेती चर्चा का विषय बनी हुई है. पठानकोट पारंपरिक खेती का गढ़ माना जाता है, लेकिन रमन सलारिया जैसे किसान अब धान-गेहूं के फसली चक्र से निकल कर आधुनिक खेती पर जोर दे रहे हैं. सरकार भी ऐसे किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.(रिपोर्ट/पवन सिंह)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today