Success Story: ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही ड्रोन दीदी सीता, इतनी हो रही कमाई

Success Story: ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही ड्रोन दीदी सीता, इतनी हो रही कमाई

Drone Didi: करनाल के कतलेहड़ी गांव की रहने वाली सीता देवी जो एक ड्रोन दीदी हैं, वो अपने गांव और जिले की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं. उन्होंने काफी परेशानियों को झेलकर ड्रोन दीदी बनने का फैसला लिया और आज वो एक सफल महिला हैं.

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ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही ड्रोन दीदी सीता, इतनी हो रही कमाईड्रोन दीदी सीता: Drone DIdi

हरियाणा के करनाल जिले की रहने वाली नमो ड्रोन दीदी सीता आज की नारी और पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि ड्रोन दीदी खुद किसानों के खेतों में जाकर स्प्रे करके न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि ड्रोन सीखने के बाद उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली है. ड्रोन दीदी सीता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर चुकी हैं. सभी नेता ड्रोन दीदी की जमकर तारीफ कर चुके हैं. ऐसे में आज हम आपको भी मिलवाते हैं ड्रोन दीदी सीता से जिनके बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों से कई महिलाएं ड्रोन दीदी बनने के लिए ट्रेनिंग ले रही हैं.  

ड्रोन दीदी ने गुरुग्राम से ली ट्रेनिंग

करनाल के कतलेहड़ी गांव की रहने वाली सीता देवी ने फ्री में गुरुग्राम के ट्रेनिंग सेंटर में 15 दिन की ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग के बाद उन्हें एक इफको की तरफ से  ड्रोन और ऑटो भी दिया गया है. अब वह किसानों के खेतों में जाकर खुद स्प्रे करती है और उससे 400 प्रति एकड़ रुपये की कमाई करती हैं. ड्रोन पायलट आपको बता दें कि इस क्षेत्र में महिलाएं अपना कैरियर बना सकती हैं और लाखों रुपये की इनकम भी कमा सकती हैं. इसी को देखते हुए लखपति दीदी योजना की शुरुआत की गई है.

पीएम मोदी को किया धन्यवाद

ड्रोन दीदी सीता ने बताया कि पहले वह सबसे पहले ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी थीं. उसके बाद उन्हें पता चला कि सरकार की ओर से फ्री में ड्रोन सीखने की ट्रेनिंग दी जाती है, और ड्रोन सीखने के बाद उन्हें ड्रोन भी दिया जाता है, उसके बाद उन्होंने पासपोर्ट अप्लाई किया, तब उसने तत्काल में अपना पासपोर्ट बनवाया, उसके बाद उनका इंटरव्यू लिया गया. उसमें वह पास हो गई, जिसके बाद उन्हें 15 दिन के लिए गुरुग्राम में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. उन्होंने कहा कि इसके लिए वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद किया. उन्होंने नमो ड्रोन दीदी के नाम से महिलाओं को सशक्त किया और महिलाओं को घरों से बाहर निकलने का मौका भी दिया.

घर का उठा रहीं सारा खर्च

ड्रोन दीदी ने कहा कि शुरुआत में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बच्चों को छोड़कर ट्रेनिंग लेने के लिए जब वह गुरुग्राम में गई तो परिवार में उनके पति ने उनका साथ दिया. फिर बहुत मुश्किलों के बाद उन्होंने ड्रोन की ट्रेनिंग गुरुग्राम से हासिल की. उन्होंने कहा कि ड्रोन सीखने के बाद उनके जीवन में एक अलग ही बदलाव आ गया. इसके बाद वो खुद अपनी अजीवका को चला रही हैं. साथ ही घर और परिवार का गुजर बसर भी काफी अच्छे तरीके कर रही हैं.

अन्य महिलाओं से की अपील

ड्रोन दीदी ने अन्य महिलाओं को भी सलाह देते हुए और अपील करते हुए कहा कि जब सरकार महिलाओं को इतना फायदा दे रही हैं तो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका भी दे रही हैं. हमें भी इस मौके का फायदा उठाना चाहिए, और हमें घरों से बाहर निकाल कर अपने पैरों पर खुद खड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा उनके परिवार में दो  बच्चे हैं पति-पत्नी, ऐसे में इस काम से अब घर का गुर्जर बसर पहले से काफी अच्छे तरीके से चल रहा है. बच्चे भी अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं को घरों से बाहर आना चाहिए और अपनी आजीविका की शुरुआत करनी चाहिए.

ड्रोन दीदी महिलाओं के लिए बेस्ट

ड्रोन दीदी के पति खुशी राम जो उनके साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं. उन्होंने कहा सबसे पहले तो वो प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं, जो नमो दीदी ड्रोन स्कीम को लेकर आएं, जिन्होंने महिलाओं को सक्षम और आत्मनिर्भर होने के लिए पहल की. फ्री में ड्रोन की ट्रेनिंग दी गई और फ्री में ही ड्रोन दिया. ये बहुत ही अच्छी स्कीम है जिसके नतीजे भी काफी अच्छे सामने आ रहे हैं. ड्रोन दीदी से ही किसान अपने खेतों में स्प्रे कर रहे हैं और एक अच्छी इनकम भी उन्हें मिल रही है. उन्होंने कहा उन्हें बहुत अच्छा लगता है महिलाओं को देखा जाता है कि कोई घर से बाहर नहीं निकलने देता है लेकिन अब महिलाएं खुद बाहर निकाल कर अपनी आजीविका चला रही है और एक मिसाल पेश करती हुई नजर आ रही है. 

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