ड्रोन दीदी योजना महिलाओं के लिए कारगर साबित हो रही है. दरअसल, ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग लेकर ड्रोन दीदी किसानों के खेतों में स्प्रे करके अच्छी कमाई कर रही हैं. इससे हरियाणा की महिलाओं को प्रदेश और देश में एक अलग पहचान भी मिलती हुई नजर आ रही है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है करनाल के गांव एचला की रहने वाली एक और महिला ड्रोन पायलट गीता ने, नमो ड्रोन दीदी बनने के बाद गीता की जिंदगी अब बदल चुकी है. ड्रोन दीदी ने कहा आज मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि मेरा मान सम्मान भी पहले से काफी बढ़ चुका है. ऐसे में आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी.
ड्रोन दीदी गीता ने बताया पहले वह सेलफल ग्रुप से जुड़ी हुई थी, उसके बाद कृषि विज्ञान केंद की और से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई की महिलाओं को फ्री में ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग मिल रही है, जिसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग के लिए मन बना लिया. फिर उन्हें पता लगा कि 15 दिन की ये ट्रेनिंग गुरुग्राम में दी जाएगी, जिसके लिए उन्होंने अपने घर में बातचीत की, लेकिन परिवार के लोगों ने पहले उन्हें गुरुग्राम में ट्रेनिंग पर जाने के लिए मना कर दिया था, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाों को गांव से बाहर निकलना बहुत मुश्किल है. फिर उनके पति ने उनका साथ दिया और वो ट्रेनिंग के लिए गुरुग्राम गईं. ड्रोन दीदी ने बताया कि उनके पास खुद की भी खेती है और वह खुद भी खेती करती हैं.
ड्रोन दीदी ने गीता में बताया कि जब वह ट्रेनिंग लेने के लिए गुरुग्राम गई थी तब उनके बच्चे भी काफी छोटे थे, लेकिन फिर भी में 1 जनवरी 2024 को ड्रोन की ट्रेनिंग लेने के लिए गुरुग्राम चली गई थीं. उन्होंने बताया कि उनसे पहले सीता भी ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेकर आई थीं. फिर मैने भी उनसे पूछा क्या वहां ट्रेनिंग लेना ठीक रहेगा, तब उन्होंने भी मेरा हौसला बढ़ाया और ट्रेनिग लेने के लिए कहा, जिसके बाद मुझे उनसे भी काफी प्रेरणा मिली. इसके बाद मैने ट्रेनिंग ली फिर इफको की ओर से फ्री में एक ड्रोन और एक गाड़ी दी गई.
महिला ड्रोन पायलट ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नमो ड्रोन दीदी योजना से महिलाओं के जीवन में काफी बदलाव आया है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद भी किया. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार महिलाओं को सशक्त करने के लिए बहुत से प्रयास कर रही है. उनमें से नमो ड्रोन दीदी एक अहम योजना है. उनमें से एक महिला में भी हूं जो इस योजना के बाद ड्रोन पायलट बनी और आज मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है. मेरा मान सम्मान भी पहले से काफी बढ़ चुका है.
पहले मैं सोचती थी यह बहुत छोटा काम है लेकिन जब मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिली तब उन्होंने मेरा उत्साह बढ़ाया. जब उन्होंने मुझसे पूछा कि आपको हमसे किस तरह का सहयोग चाहिए. तब मैने उनसे सिर्फ एक बात रखी की प्राइवेट कंपनियों की जगह नमो ड्रोन दीदी को अधिक से अधिक काम मिले. उन्होंने कहा कि इससे आज आसपास के कई गांव में उनको काम भी मिल रहा है और पहचान भी.
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