महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाली कनाडा-रिटर्न वकील, शर्मिल जैन ओसवाल Good Energy Foundation नामक संगठन और Gud Mom स्टार्टअप की फाउंडर हैं. अपने काम के जरिए वह लाखों किसानों की किस्मत बदल रही हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि वह कनाडा से अपनी अच्छी-खासी जॉब छोड़कर पुणे आ गईं ताकि किसानों के लिए कुछ कर सकें.
मूल रूप से राजस्थान से ताल्लुक रखने वाली शर्मिला अलीबाग के पास एक छोटे से गांव में पली-बढ़ीं. उनके पिता की आटे की मिल थी जहां उन्होंने बचपन से ही मिलेट्स के बारे में जाना और सीखा. अपने परिवार में महिलाओं को भेदभाव और घरेलू हिंसा का शिकार होते देखकर उन्होंने वकालत करने का फैसला किया था. लेकिन उनकी शादी काफी जल्दी कर दी गई. हालांकि, उनके पति ने उनके सपनों को टूटने नहीं दिया. शादी के बाद वह पति के साथ इंग्लैंड गईं और यहां उन्होंने पर्यावरण और कृषि कानून में डिग्री हासिल की. बाद में, परिवार कनाडा शिफ्ट हुआ तो शर्मिला वहां जॉब करने लगीं.
एक Ted Talk में बात करते हुए शर्मिला ने बताया कि साल 2004 और 2006 के बीच विशेष रूप से महाराष्ट्र में बहुत से किसानों ने आत्महत्याएं कीं. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2006 में 17,060 किसानों ने आत्महत्या की, जिनमें से 1,427 महाराष्ट्र से थे और राज्य के कपास उगाने वाले क्षेत्र विदर्भ में इनमें से 1,065 मौतें हुईं. शर्मिला उस समय कनाडा में थीं लेकिन इन आंकड़ों ने उन्हें इतना विचलित कर दिया कि उन्होंने किसानों के लिए कुछ करने की सोची.
कनाडा में जॉब करने के लगभग 10 साल बाद वह 2008 में भारत लौटीं. यहां आकर वह पुणे में रहने लगीं और उन्होंने राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों के बारे में ज्यादा जानने के लिए सर्वे किया. सबसे पहले उन्होंने एक एनजीओ, ग्रीन एनर्जी फाउंडेशन शुरू की जिसका मिशन किसानों की मदद करना है. यह फाउंडेशन किसानों को खेती के लिए पानी की सुविधाएं सुनिश्चित करती है. साथ ही, किसानों को स्मार्ट फार्मिंग तकनीकों का इस्तेमाल करना सिखाती है.
शर्मिला को अपने काम में सरकार से ग्रांट और मदद मिली. उन्होंने गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में अपना काम शुरू किया. आज वह पांच राज्यों में 1.5 लाख से ज्यादा किसानों से जुड़ी हैं. उन्होंने किसानों की कमाई बढ़ाने में मदद की है. साथ ही, उन्होंने मिलेट्स की खेती पर जोर दिया जो कार्बन न्यूट्रल, पर्यावरण के अनुकूल और क्लाइमेट फ्रेंडली होते हैं. इन्हें ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है. उन्होंने किसानों को रागी, ज्वार, प्रोसो मिलेट, और पर्ल मिलेट्स के साथ-साथ सब्जियां उगाना सिखाया है.
शर्मिला ने किसानों को मिलेट्स की खेती से जोड़ने के बाद अपना मिलेट बिजनेस- Gud Mom शुरू किया. अपने बेटे, शुभम के साथ मिलकर वह मिलेट्स से तरह-तरह के प्रोडक्ट्स बनाकर मार्केट करती हैं. यह फर्म अब देश भर मिलेट्स उगाने वाले 5,000 से ज्यादा किसानों को रोजगार देती है और कंपनी का टर्नओवर 16 करोड़ रुपये से ज्यादा है. शर्मिला को उनके काम के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सराहना मिल चुकी है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च से "गुड मॉम" को "पोषक अनाज अवार्ड 2022" और "बेस्ट स्टार्टअप इन ऑर्गेनिक फार्मिंग 2021" मिल चुका है.
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