Peanut Farming: जॉब के साथ करते हैं मूंगफली की खेती, एक एकड़ में होती है सालाना 3 लाख रुपए तक की कमाई

Peanut Farming: जॉब के साथ करते हैं मूंगफली की खेती, एक एकड़ में होती है सालाना 3 लाख रुपए तक की कमाई

महाराष्ट्र के बीड के विजय राठौड़ नौकरी के साथ खेती भी करते हैं. विजय को 15 हजार रुपए सैलरी मिलती है. इसके साथ ही वो मूंगफली की खेती करते हैं. विजय खरीफ और रबी दोनों मौसमों में मूंगफली की खेती करते हैं. वो एक एकड़ जमीन पर मूंगफली से 3 लाख रुपए सालाना की कमाई कर रहे हैं.

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जॉब के साथ करते हैं मूंगफली की खेती, एक एकड़ में होती है सालाना 3 लाख रुपए तक की कमाईPeanut Farming (Photo/Meta AI)

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के पास समय का अभाव है. लेकिन जुनून और हौसला हो तो कुछ भी संभव है. महाराष्ट्र के बीड जिले के विजय राठौड़ ने इसे सही साबित किया है. वो एक ऐसे शख्स हैं, जो जॉब के साथ खेती भी करते हैं. इससे वो अच्छा-खासा मुनाफा भी कमाते हैं.

नौकरी के साथ की खेती-

विजय राठौड़ महाराष्ट्र के बीड के रहने वाले हैं. विजय एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. उनको हर महीने 15 हजार रुपए की सैलरी मिलती है. उन्होंने जॉब के साथ खेती करना भी शुरू किया और इससे उनको अच्छा-खासा फायदा भी हो रहा है. हालांकि उनकी फैमिली भी खेती में मदद करती है. लेकिन सभी महत्वपूर्ण फैसले वो खुद ही लेते हैं. उन्होंने समय का सदुपयोग किया और जॉब के साथ खेती पर भी फोकस किया.

विजय करते हैं मूंगफली की खेती-

विजय खरीफ और रबी दोनों मौसम में मूंगफली की खेती करते हैं. उन्होंने खेती में ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल किया. इसके साथ ही कीट कंट्रोल के लिए उन्होंने आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया. जिससे प्रोडक्शन में बढ़ोतरी हुई. उन्होंने पिछले साल एक एकड़ में मूंगफली की खेती की थी, जिससे उनको अच्छा-खासा मुनाफा हुआ. इस खेती से उनको सालाना 3 लाख रुपए की कमाई हुई इस साल वो खेती का दायरा बढ़ाने की सोच रहे हैं. 

विजय राठौड़ ने आधुनिक तरीके से खेती करते हैं. उन्होंने सबसे पहले मिट्टी की जांच कराई और जरूरी पोषक तत्वों की कमी को दूर किया. इससे मूंगफली का उत्पादन बढ़ा.

मूंगफली की खेती का तरीका-

भारत में मूंगफली की खेती खरीफ में जून के मध्य से जुलाई के मध्य के बीच की जाती है. जबकि रबी में अक्टूबर से नवंबर के बीच की जाती है. मूंगफली की खेती के लिए भुरभुरी दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. भुरभुरी मिट्टी के लिए खेत को 2-3 बार अच्छे से जुताई करनी चाहिए. सके बाद खेत को बराबर करना चाहिए. इसकी खेती ऐसी जगह पर की जाती है, जिससे अच्छी जल निकासी की व्यवस्था हो. एक एकड़ में 4-5 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी चाहिए.

कम फैलने वाली मूंगफली की किस्म के लिए 75-80 किलोग्राम  प्रति हेक्टेयर और फैलने वाली किस्मों के लिए 60-70 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की जरूरत होती है. मूंगफली के पौधों के बीच 3 से 6 इंच की दूरी होनी चाहिए. जबकि लाइन से लाइन की दूरी 18 इंच होनी चाहिए. मूंगफली की खेती में सिंचाई का खास ध्यान रखना पड़ता है. मिट्टी सूखने पर सिंचाई करनी चाहिए. 20-25 दिन के बाद निराई-गुड़ाई होनी चाहिए. जब पौधे पीले होने लगे और पत्तियां गिरने लगे तो फसल की कटाई करें.

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