कृषि क्षेत्र में मॉडर्न तकनीकों और टिकाऊ विधियों के इस्तेमाल से खेती करने वाले किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. इन तरीके किसानों तक पहुंचाने में किसानों से जुड़े संगठनों और किसान उत्पादक संगठन (FPO) और किसान उत्पादक कंपनियां (FPC) की अहम भूमिका उभरकर सामने आई है. ओडिशा के सुदूर इलाके के किसानों को मॉडर्न तकनीकी की ट्रेनिंग देकर उनकी उपज और कमाई बढ़ाने के लिए कोरापुट नारी शक्ति किसान उत्पादक कंपनी काम कर रही है. इससे जुड़ी महिला किसान उल्हास खिंबूदी ने अदरक की खेती में 10 हजार लगाकर 8 महीने में 1 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत ओडिशा में ग्रामीण विकास कार्यों में जुटी प्रदान (PRADAN) संस्था कोरापुट नारी शक्ति किसान उत्पादक कंपनी के जरिए किसानों की उपज और कमाई बढ़ाने में मदद कर रही है. महिला किसानों को मॉडर्न तकनीक से खेती की ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें वैज्ञानिक तरीके से अदरक, कद्दू और सब्जियों की खेती सिखाई जा रही है.
यहीं से ट्रेनिंग लेने वाली महिला किसान उल्हास खिंबूदी ने इंडिया टुडे के एग्रीकल्चर प्लेटफॉर्म 'किसान तक' को बताया कि वह प्रदान संस्था से जुड़कर खेती से बढ़िया कमाई कर रही हैं. उन्होंने कहा कि 8 महीने के समय में उन्होंने 10 हजार रुपये लगाकर अदरख की खेती की और नारी शक्ति एफपीसी की मदद से बिक्री कर 1 लाख रुपये का मुनाफा कमाया.
महिला किसान उल्हास खिंबूदी ने बताया कि वह कोरापुट के खुरजी की रहने वाली हैं और कई सालों से प्रधान संस्था से जुड़ी हैं. एफपीसी के जरिए 400 महिला किसान मॉडर्न तकनीक से खेती करने की ट्रेनिंग ले रही हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी वह अदरक की खेती करती थीं तब 10 रुपये का भाव मिलता था, जो नारी शक्ति एफपीसी के जरिए बेचने में आसानी हुई और उनकी ऑर्गनिक अदरक का भाव 80-90 रुपये से भी बढ़कर 100 रुपये तक मिला है.
उन्होंने बताया अदरक का भाव अधिक मिलने की वजह अच्छी तरह से सुखाकर और पैकेट में रखकर बेचने की वजह से है. जबकि, प्रदान से जुड़ककर इंटीग्रेटेड खेती और मल्टी क्रॉप की ट्रेनिंग मिली, जिसकी वजह से वह एक खेत में कई फसलें उगा पाती हैं. इससे उनकी उपज, कमाई और मुनाफा बढ़ा है.
महिला किसान ने बताया कि वह मल्टीक्रॉप तकनीक के तहत अदरक की खेती के साथ ही राजमा और हल्दी की भी खेती करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदान के जरिए बीज, कृषि उपकरण के साथ ही उर्वरकों के इस्तेमाल का तरीका और उपलब्धता आसान की गई है. जबकि, कोरापुट नारी शक्ति उत्पादक कंपनी के जरिए बिक्री करने में आसानी हुई. उन्हें अपनी उपज को बेचने के लिए बाजार जाने की जरूरत नहीं पड़ती. उल्हास खिंबूदी ने कहा कि किसान इंटीग्रेटेड तरीके से खेती करें और मल्टीक्रॉप उगाकर अधिक मुनाफा कमाएं.
प्रदान में प्रोजेक्ट एग्जिक्यूटिव और किसानों को ट्रेनिंग समेत अन्य तरह से खेती में मदद करने वाले रश्मि रंजन साहू ने बताया कि कोरापुट जिले के दूरदराज के ग्रामीण इलाकों के वंचित समुदायों को खेती की मॉडर्न तकनीक सिखाई और मिट्टी, पानी, बीज की क्वालिटी, मौसम आदि को लेकर किसानों को जागरूक किया.
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