झोपड़ी में मशरूम उगाकर अभिषेक बने बिजनेस गुरु, पढ़िए बांदा के युवा किसान की कहानी

झोपड़ी में मशरूम उगाकर अभिषेक बने बिजनेस गुरु, पढ़िए बांदा के युवा किसान की कहानी

Banda Farmer Story: मास्टर ऑफ सोशल वर्कर में डिप्लोमा अभिषेक ने बताया कि पिछले कुछ सालों में मशरूम की डिमांड में भी तेजी आई है. ऐसे में मशरूम की खेती का बिजनेस बाकी किसानों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. इसमें आप लागत का दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं.

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झोपड़ी में मशरूम उगाकर अभिषेक बने बिजनेस गुरु, पढ़िए इस किसान की कहानीमशरूम की खेती करने वाले बांदा जिले के युवा किसान अभिषेक सिंह पटेल

कहा जाता है कि जहां लगन और मेहनत हो, उस काम को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. ऐसी ही एक कहानी है उत्तर प्रदेश के बांदा जिले (Banda News) के युवा किसान अभिषेक सिंह पटेल की. अभिषेक पिछले वर्ष 2021 से मशरूम की खेती (Mushroom Farming) बांस की झोपड़ी में कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि वह प्रत्येक वर्ष सर्दी के सीजन में लगभग 3-4 लाख रुपए की कमाई मशरूम की पैदावार से करते हैं जिसमें लागत 1 लाख रुपए की होती है. उन्होंने मशरूम की खेती से पहले अपने नजदीक कृषि विज्ञान केंद्र पर संपर्क किया और बांदा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह लिया. आज वो मशरूम की खेती में एक प्रगतिशील किसान बनकर उभरे हैं. अभिषेक ने बताया कि वो मशरूम की खेती को मचान विधि से करते हैं. एक 30 फीट लंबा 60 फीट चौड़ा बांस की झोपड़ी बनाकर उसमे कुल 16 बेड बनाया हुआ है.

40-50 दिन में तैयार हो जाता है मशरूम

इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में बांदा के ग्राम पिंडारन निवासी अभिषेक बताते हैं कि वह मशरूम की खेती में एक प्रतिशत रसायन का प्रयोग करते हैं, इससे मशरूम पूरी तरीके से ऑर्गेनिक तैयार होते हैं. इसे खाकर कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि साल भर में हम सिर्फ 4 महीने ही मशरूम उत्पादन का काम करते हैं. सितंबर से शुरू होकर मार्च तक खत्म हो जाती है. लेकिन मशरूम सिर्फ 60 दिन ही निकलता हैं.

उन्होंने बताया कि मशरूम बनाने के लिए आपको गेहूं या चावल के भूसे को कुछ केमिकल्स के साथ मिलाकर कंपोस्ट खाद तैयार करना होता है. इसके बाद किसी सख्त जगह पर 6-8 इंच मोटी परत बिछाकर मशरूम के बीज लगाने होंगे. बीज को कंपोस्ट से ढक दिया जाता है. करीब 40-50 दिन में मशरूम काटकर बेचने लायक हो जाता है.

बांदा, कानपुर और वाराणसी शहरों में सप्लाई

इनकम के सवाल पर युवा किसान अभिषेक सिंह पटेल ने बताया कि कुल मिलकर एक सीजन में 32 क्विंटल के करीब उत्पादन हो जाता है. एक क्विंटल मशरूम की कीमत 12 हजार रुपये मार्केट में है. कुल मिलाकर एक सीजन में 3 से 4 लाख रुपये के बीच आय हो जाती है. बांस की झोपड़ी में मशरूम उत्पादन कम खर्च में हो जाता है और कमाई भी अधिक होती है. बटन मशरूम से इस मशरूम का स्वाद अलग होता है.

झोपड़ी बनाकर अभिषेक ने शुरू किया मशरूम का कारोबार
झोपड़ी बनाकर अभिषेक ने शुरू किया मशरूम का कारोबार

मशरूम उत्पादन कर हम इसे बांदा, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों के मार्केट में सप्लाई करते हैं. मास्टर ऑफ सोशल वर्कर में डिप्लोमा अभिषेक ने बताया कि पिछले कुछ सालों में मशरूम की डिमांड में भी तेजी आई है. ऐसे में मशरूम की खेती का बिजनेस बाकी किसानों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. इसमें आप लागत का दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं.

मशरूम की खेती के लिए यूपी में मिल रहे 8 लाख रुपये

उत्तर प्रदेश सरकार मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और सब्सिडी प्रदान कर रही है. आपको बता दें कि अगर आप यूपी में 20 लाख रुपये तक की मशरूम प्रोडक्शन की यूनिट लगाते हैं तो आपको सरकार (केंद्र और राज्य) की ओर से 40% तक यानी 8 लाख रूपये की ग्रांट मिलेगी. 

मशरूम की खेती में बढ़ा लोगों में क्रेज

दरअसल, इन दिनों मशरूम की खेती करना का क्रेज लोगों के बीच बढ़ गया है. बढ़ती मांग के चलते, कई किसान और आम लोग भी पारंपरिक फसलों के साथ मशरूम की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. मशरूम में प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की प्रचुर मात्रा होने के कारण इसकी मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही है. 

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