एक किलो आम बेचकर कमाए 3 लाख रुपये, कर्नाटक के किसान ने लगाई ये खास वैरायटी

एक किलो आम बेचकर कमाए 3 लाख रुपये, कर्नाटक के किसान ने लगाई ये खास वैरायटी

किसान ने स्वीकार किया कि भौगोलिक परिस्थितियों के कारण फल के रंग में थोड़ा असर हुआ है, पर आने वाले समय में इसमें सुधार होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके बगीचे में मियाजाकी आम के फलों का आकार मल्लिका किस्म के आकार के जैसा ही है. पर उसका स्वाद मल्लिका के बराबर नहीं है. 

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एक किलो आम बेचकर कमाए 3 लाख रुपये, कर्नाटक के किसान ने लगाई ये खास वैरायटीकिसान ने आम बेचकर की बंपर कमाई. (सांकेतिक फोटो)

कर्नाटक के उडुपी का एक किसान आम की खेती कर सुर्खियां बटोर रहा है. इस किसान का नाम जोसेफ लोबो है और ये शंकरपुर के रहने वाले हैं. जोसेफ लोबो ने घर की अपनी छत पर जापानी आम की एक दुर्लभ प्रजाति उगाने में सफलता पाई है. इस आम का नाम मियाज़ाकी है. यह मार्केट में मिलने वाले अन्य आमों से काफी जुदा है. यह अपने स्वाद के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध. कहा जाता है कि मियाज़ाकी दुनिया की सबसे महंगा आम है. एक किलो आम की कीमत 3 लाख रुपये तक होती है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मियाज़ाकी आम जापान में 3 लाख रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकता है. ऐसे जोसेफ लोबो ने बताया कि उन्होंने 2023 में इस व्यवसाय में कदम रखा, लेकिन मौसम ने साथ नहीं दिया. प्रतिकूल मौसम के कारण पहला वर्ष एक भी आम का उत्पादन नहीं हुआ. हालांकि, इस साल उन्हें अच्छी-खासी पैदावार हुई, जिसे बेचकर वे बहुत ज्याजा मुनाफा कमाए हैं. आम के अलावा, लोबो ने अपने छत के बगीचे में कई अन्य दुर्लभ फलों की खेती कर रखी है.

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200 प्रकार के पौधों लगे हैं

उनकी 1,200 वर्ग फुट की छत सफेद जावा प्लम, ब्राजीलियाई चेरी, दुर्लभ ताइवानी नारंगी और लोकप्रिय शंकरपुरा चमेली से भरी हुई है. वह इन पौधों को बेचते भी हैं. इसके अलावा लोबो के टैरेस गार्डन में कई प्रकार के पौधे हैं, जिनमें सभी मौसम के आम, सात प्रकार की चेरी, सफेद बैंगनी, बीज रहित नींबू और औषधीय पौधे सहति कई तरह की सब्जियां शामिल हैं. इसके अलावा, वह मधुमक्खी पालन में भी करते हैं. उनका कहना है कि उनकी अपनी छत पर 200 प्रकार के पौधों लगे हुए हैं. उन्हें पौधों में एक मियाज़ाकी आम का पेड़ भी है.

पानी में नमक की मात्रा अधिक

जोसेफ ने कहा कि जनवरी महीने की बारिश इस आम के लिए अच्छी नहीं होती है. इससे आम के फलन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. लोबो बताते हैं कि उन्होंने खाड़ी देशों में आम की सफल खेती से प्रेरित होकर अपनी छत पर आम की खेती की थी. जोसेफ लोबो ने बताया कि यह फल कच्चा होने पर बैंगनी रंग का होता है. जापान में यह फल पकने पर पूरी तरह से लाल हो जाता है. हालांकि तटीय क्षेत्र में पानी में नमक की मात्रा के कारण इसका रंग अलग हो सकता है. 

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