मणिपुर के सेनापति जिले के टाफौ गांव की 32 वर्षीया उद्यमी, चोखोन क्रेचिना फूलों की खेती और बिजनेस से सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा कमा रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि वे अपने फूलों को देश के 16 राज्यों में सप्लाई कर रही हैं. खुद आगे बढ़ने के साथ-साथ चोखोन अपने पूरे समुदाय को आगे बढ़ा रही हैं. मणिपुर की घाटी में पहले पारंपरिक फसलें या फिर गैर-कानूनी खसखस उगाया जाता था. लेकिन चोखोन की पहल से यहां फूलों की खेती शुरू हुई जो पूरे समुदाय के लिए वरदान साबित हो रही है.
नॉर्थईस्ट लाइव की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चोखोन ने अपनी ग्रेजुएशन पुणे के वाड़िया कॉलेज से की और फिर असम डाउन टाउन यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स की डिग्री की. इसके बाद उन्हें बंगलुरु की एक फार्मा कंपनी में जॉब मिल गई. लेकिन कोविड-19 के दौरान वह अपने घर वापिस आ गईं. यहां आकर उन्होंने फूलों के लिए अपने पैशन को सोशल मिशन और बिजनेस बनाने का फैसला किया.
जूलाई 2021 में उन्होंने अपने बिजनेस, Dianthe Pvt. Ltd. की शुरुआत की, जो फ्लोरिकल्चर कंपनी है और डेकोरेटिव फूलों के उत्पादन और मार्केटिंग में स्पेशलाइज करती है. सबसे पहले उन्होंने किसानो के साथ सहयोग किया और बनी टेल्स, हेलीक्रिशम, जिप्सोफिला, एमोबियम और कैलोशिया जैसे अलग-अलग वैरायटी के फूल उगाना शुरू कर दिया. शुरूआत में उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बहुत से किसान भी उन पर भरोसा नहीं कर रहे थे. लेकिन चोखोन को खुद पर भरोसा था.
आज साढ़े तीन साल बाद चोखोन की मेहनत रंग ला रही है. उनकी कंपनी का टर्नओवर बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़ी है. वह 80 किसानों के साथ काम कर रही हैं. ये सभी किसान पहले पारंपरिक फसलें उगाते थे और अब ये सब पहले के मुकाबले चार गुना ज्यादा कमा रहे हैं. घाटी से फूलों को हार्वेस्ट करके 16 राज्यों जैसे असम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली आदि में मार्केट किया जा रहा है.
फ्रेश और सूखे फूलों के साथ-साथ चोखोन की कंपनी अब कैंडल्स, बुके, गिफ्ट आइटम्स और इपोक्सी फ्लावर डेकोरेशन भी बना रही है. उनका मिशन ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचना है. हालांकि, पहाड़ी इलाके से कंपनी चलाना आसान नहीं है क्योंकि बहुत बार फूलों को समय से मार्केट में पहुंचाने में मुश्किल होती है. लेकिन चोखोन की दृढ़ संकल्प कुछ ऐसा है कि वह आगे बढ़ने पर फोकस कर रही हैं. अपने समुदाय के लिए उनकी और भी योजनाएं हैं जिन पर वह भविष्य में काम करेंगी.
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