केरल की शिक्ष‍िका घर पर उगा रही देसी-विदेशी कमल और वॉटर लिली, हर महीने हो रही 40 हजार कमाई

केरल की शिक्ष‍िका घर पर उगा रही देसी-विदेशी कमल और वॉटर लिली, हर महीने हो रही 40 हजार कमाई

केरल के त्रिशूर में एक शिक्ष‍िका ने अपने बचपन के बागवानी के शौक को पूरा करने के लिए गमले में कमल और वाटर लिली उगाना शुरू किया. धीरे-धीरी उनके घर लोग फूलों को देखने और अपने घर उगाने की इच्‍छा लिए पहुंचने लगे. बाद में उन्‍हें इसका व्‍यवसाय शूरू करने का विचार आया और आज वे 40 हजार रुपये महीना तक कमा रही हैं.

Advertisement
केरल की शिक्ष‍िका घर पर उगा रही देसी-विदेशी कमल और वॉटर लिली, हर महीने हो रही 40 हजार कमाईशिक्षिका घर पर उगा रहीं कमल. (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

केरल के त्रिशूर जिले में रहने वाली 51 वर्षीय शासकीय स्‍कूल की शिक्ष‍िका लतिका सुथन का नाम अब फूलों की वजह से चर्चा में है. वह अपने घर की छत पर कमल (लोटस) की 100 वैरायटी और 80 वाटर लिली प्रजातियों को गमलों में उगा रही हैं. पहले तो उन्‍हाेंने इस काम को शौकिया तौर पर शुरू किया था, लेकिन बाद में उन्‍होंने इसे व्‍यापार में बदल दिया, जिससे उनकी मासिक आय होने लगी है. अब उन्‍हें हर महीने 40,000 रुपये तक की आय हो रही है. उनके पति भी बागवानी में उनका हाथ बटा रहे हैं. 

फूलों के बारे में सुनकर घर आने लगे लोग

'द बेटर इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया और मैगजीन्स से लतिका का नाम इलाके में चर्चित हो गया और लोग उनके यहां फूल देखने और ट्यूबर (कंद) लेने पहुंचने लगे. उन्‍होंने इन पौधों को उगाने की इच्‍छा लिए आए लोगों को कंद देना शुरू कर दिया. बाद में लति‍का ने इसे व्यवसाय बनाने के बारे में सोचा. इस प्रकार लतिका ने अपने शौक को व्‍यवसाय में बदल लिया. लतिका बताती हैं कि वे प्राचीन मेपल लीफ और 1,000 पंखुड़ियों वाले कमल जैसे दुर्लभ और बेशकीमती कमल के फूल उगाती हैं. 

बचपन से ही था बागवानी का शौक

लथिका ने बताया कि उन्‍हें बचपन से ही पौधों की देखभाल करना और उन्हें बढ़ते देख अच्‍छा लगता था और बेहद खुशी होती थी. 2018 में उन्होंने घर पर वाटर लिली और कमल के पौधों को व्यवसायीकरण शुरू किया. उन्‍होंने इन फूलों के बारे में काफी सर्च किया और सैकड़ों किस्‍मों के बारे में जाना. हालांकि, भारत में इनकी कुछ किस्‍में ही मौजूद है. फिर उन्‍होंने अन्‍य किस्‍में थाईलैंड, वियतनाम और जापान जैसे देशों से इंपोर्ट कर उगाईं. लतिका और उनके पति साथ में अपने बागवानी करते हैं.

ये भी पढ़ें - चाइना एस्टर फूल की खेती से कमाई बढ़ा सकते हैं किसान, 4 दिन तक होती है शेल्फ लाइफ

देसी खाद का करती हैं ज्‍यादा उपयोग

लतिका घर पर कमल और वाटर लिली की बागवानी के लिए जिले में कृषि विभाग की ओर से आयोजित कई कार्यशालाओं और में शामिल हुईं और कई अन्‍य लोगों से भी मदद ली. लत‍िका अपने घर के बगीचे में पौधों में पोषण के लिए सूखे गोबर, इस्तेमाल की गई चाय की पत्ती, अंडे के छिलकों का पाउडर और कभी-कभी DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) का उपयोग करती हैं.

इनडोर पौधे भी उगा रहीं लतिका

लतिका कमल और वाटर लिली के अलावा, ऑर्किड, बेगोनिया, एग्लोनिमा, क्रीपर्स और कई इनडोर पौधे उगाती हैं. लतिका के अनुसार, अन्य पौधों की तुलना में कमल और वाटर लिली की देखभाल आसान है. एक बार लगाने के बाद यह बिना किसी देखभाल के बढ़ने और फूल देने लगता है. लतिका हर महीने 150 से ज़्यादा कमल के पौधे और 100 से ज़्यादा वाटर लिली के बीज बेचती हैं. उन्‍हें अस्पताल, होटलों और रिसॉर्ट्स से थोक ऑर्डर मिलते हैं.

POST A COMMENT