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बढ़ती जनसंख्या के बीच दुन‍िया की खाद्य सुरक्षा पूरी करने में अहम भूम‍िका अदा करेगा भारत

बढ़ती जनसंख्या के बीच दुन‍िया की खाद्य सुरक्षा पूरी करने में अहम भूम‍िका अदा करेगा भारत

G-20 Meeting: इंदौर में आयोज‍ित जी-20 एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक के बाद मध्य प्रदेश के सीएम श‍िवराज स‍िंह चौहान ने कहा क‍ि खाद्य सुरक्षा के ल‍िए उत्पादन बढ़ाना जरूरी है. लेक‍िन यह जरूरत इस तरह से पूरी करनी है ज‍िससे क‍ि आने वाली पीढ़‍ियों के ल‍िए खेती लायक जमीन बची रहे. भारत दुन‍िया को यही संदेश दे रहा है. 

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जी-20 एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में एमपी के सीएम श‍िवराज स‍िंह. (Photo-Kisan Tak). जी-20 एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में एमपी के सीएम श‍िवराज स‍िंह. (Photo-Kisan Tak).

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श‍िवराज स‍िंह चौहान ने कहा है क‍ि दुन‍िया की खाद्य सुरक्षा (Food Security) पूरी करने में भारत का अहम रोल रहने वाला है. एक समय था जब हमारे पास भी पर्याप्त अनाज नहीं था, लेक‍िन आज यह गर्व का व‍िषय है क‍ि दुन‍िया की खाद्य जरूरतों को पूरा करने में भारत मदद कर रहा है. हमें उत्पादन बढ़ाना है लेक‍िन उसके ल‍िए जैव‍िक और प्राकृतिक खेती का रास्ता अपनाना है. ताक‍ि आने वाली पीढ़ियों को खेती करने लायक जमीन बची रहे. धरती की उर्वरता को बचाए रखकर आगे बढ़ना है. हमने जी-20 के एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप (G20-Agriculture Working Group) की बैठक के माध्यम से भी भारत के इस व‍िचार और पहल का दुन‍िया को संदेश द‍िया है. 

देश के सबसे साफ-सुथरे शहर इंदौर में आयाज‍िक इस बैठक में 30 देशों के 89 प्रत‍िन‍िध‍ि श‍िरकत कर रहे हैं. चौहान ने ग्रुप की बैठक के बाद कहा क‍ि बढ़ती जनसंख्या के बीच खाद्य सुरक्षा दुनिया के सामने महत्वपूर्ण विषय है. कृषि उत्पादकता बढ़ाने के सामूहिक प्रयास हों. उत्पादन बढ़ाना है तो खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाना होगा. क्योंक‍ि साल 2030 तक दुन‍िया में खाद्यान्न की मांग 345 म‍िल‍ियन टन हो जाएगी. जबक‍ि वर्ष 2000 में यह स‍िर्फ 192 म‍िल‍ियन टन थी. ऐसे में समझा जा सकता है क‍ि खाद्यान्न की जरूरत क‍ितनी तेजी से बढ़ रही है. 

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एमपी से गेहूं एक्सपोर्ट

अकेले मध्य प्रदेश ने प‍िछले साल 21 लाख म‍िट्रिक टन गेहूं का एक्सपोर्ट क‍िया है. यहां का शरबती गेहूं व‍िश्व प्रस‍िद्ध है. अभी हमारे यहां अनाज उत्पादन में वृद्ध‍ि की काफी संभावनाएं हैं. हम इन संभावनाओं का दोहन करके दुन‍िया की खाद्य आवश्यकताओं को पूरी करने का काम करेंगे. हमने खेती का दायरा और उत्पादन दोनों बढ़ाया है.

अब प्राकृत‍िक पर फोकस 

सीएम ने कहा क‍ि मध्य प्रदेश पहले से ही जैव‍िक खेती में नंबर वन है. यहां 17.5 लाख हेक्टेयर में केम‍िकल फ्री खेती हो रही है.इसके ल‍िए सरकार बाजार भी उपलब्ध करवा रही है. अब उससे भी एक कदम और आगे प्राकृत‍िक खेती पर काम हो रहा है. भारत पूरी दुन‍िया को इसके माध्यम से संदेश दे रहा है क‍ि धरती को आने वाली पीढ़ियों के ल‍िए बचाए रखना है. इसल‍िए रासायन‍िक खादों का इस्तेमाल कम करना है. क्योंक‍ि इसका अध‍िक इस्तेमाल न केवल धरती को खराब कर रहा है बल्क‍ि इससे मानव स्वास्थ्य के ल‍िए भी बहुत खतरा है.

दादाग‍िरी से नहीं बढ़ेगी प्राकृत‍िक खेती 

मुख्यमंत्री ने कहा क‍ि एक साल से प्राकृत‍िक खेती का अभ‍ियान चल रहा है. सूबे के 60 हजार क‍िसानों ने प्राकृत‍िक खेती के ल‍िए रज‍िस्ट्रेशन करवाया है. प्राकृत‍िक खेती के ल‍िए क‍िसानों को मोट‍िवेट करना है. यह काम दादाग‍िरी से थोपने का नहीं है. जब क‍िसान देखेंगे क‍ि जो लोग प्राकृत‍िक खेती कर रहे हैं उनके खेत में उत्पादन अच्छा हो रहा है और कीमत बहुत ज्यादा म‍िल रही है तो इसके ल‍िए माहौल बनेगा. दूसरे लोग अपने आप इस तरह की खेती की तरफ बढ़ने लगेंगे.  

गोबर-गोगूत्र से बनी खाद का है वक्त

रासायन‍िक उर्वरकों के अत्यध‍िक इस्तेमाल से जीव-जंतुओं की कई प्रजात‍ियां भी खत्म हो गई हैं. अब ग‍िद्ध नहीं द‍िखाई देते. हम उनकी संख्या भी बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, ताक‍ि पर्यावरण संतुलन कायम रहे. अब गोबर और गोमूत्र से बनी खाद का इस्तेमाल करने का वक्त है. खाद्य सुरक्षा बहुत जरूरी है, लेक‍िन इसके ल‍िए ऐसा रास्ता अपनाना है, ज‍िससे धरती की सेहत भी अच्छी रहे और उससे बाकी जीव जंतुओं पर भी असर न पड़े. 

जलवायु आधारित स्मार्ट कृषि पर चर्चा 

इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान विदेशी मेहमानों को न सिर्फ मालवा के खानपान और संस्कृति से रूबरू कराया जा रहा है बल्कि पहले दिन इंदौर का राजवाड़ा पैलेस भी घुमाया गया. जी-20 देशों के कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधि 13 से 15 फरवरी तक देश के हृदय स्थल मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रहेंगे. सोमवार को बैठक के पहले दिन कृषि उत्पादन बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा के लिए जलवायु आधारित स्मार्ट कृषि पर अलग-अलग सत्रों में चर्चा हुई. 

मोटे अनाजों पर प्रदर्शनी

सीएम चौहान ने कृषि क्षेत्र से जुड़ी भारत की उपलब्धियों, खोजों और तकनीकों पर आधारित एक प्रदर्शनी की शुरुआत. इसमें म‍िलेट्स की भी प्रदर्शनी लगाई गई. बैठक के दौरान तीन दिन तक मेहमानों को मोटे अनाज से बने एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट पकवानों का स्वाद चखाया जाएगा. भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को इंटरनेशनल म‍िलेट ईयर घोष‍ित क‍िया है. इसल‍िए जी-20 की बैठक में भी मोटे अनाजों को प्रमोट क‍िया जा रहा है. 
 

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