रासायनिक खाद बनाने वाली सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने मुनाफा कमाने का नया रिकॉर्ड बना दिया है. इफको ने वित्त वर्ष 2022-2023 में रिकॉर्ड 3,053 करोड़ रुपये का फायदा कमाया है, जो 2021-2022 में सिर्फ 1,884 करोड़ रुपये था. इतना लाभ टैक्स देने के बाद कमाया है. जबकि बिना टैक्स के इसका प्रॉफिट 4106.81 करोड़ रुपये हुआ है. कमाई में इतनी उछाल की बड़ी वजह नैनो यूरिया और सब्सिडी में इजाफे को बताया जा रहा है. संस्था ने पिछले वर्ष के मुकाबले नैनो फर्टिलाइजर की ज्यादा बिक्री की है. इसकी सेल 2.15 करोड़ बोतल से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-2023 में 3.27 करोड़ बोतल हो गई है. दो और नैनो फर्टिलाइजर प्लांट चालू हो गए हैं.
इफको का कुल रेवेन्यू पिछले वर्ष के 41,898 करोड़ की तुलना में 2022-2023 में बढ़कर 62,990 करोड़ रुपये हो गया है. यही नहीं इफको समूह अपने सहयोगियों और सहायक कंपनियों सहित अब लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये का हो गया है. सिर्फ कमाई ही नहीं अपने काम की वजह से यह दुनिया में नंबर-1 सहकारी संस्था भी बन गई है. दुनिया की 300 सहकारी संस्थाओं की रैंकिंग में यह टॉप पर है.
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इस समय इफको के पास पांच पारंपरिक प्लांट हैं. जिसमें कलोल, कांदाला, फूलपुर, आंवला और पारादीप शामिल हैं. जबकि तीन प्लांट ऐसे हैं जिनमें नैनो फर्टिलाइजर का काम हो रहा है. इनमें कलोल, फूलपुर और आंवला शामिल हैं. इसके तीन प्लांट दूसरे देशों में हैं. जिनमें ओमान, जॉर्डन और सेनेगल शामिल हैं. इनके जरिए इफको ने इतना बड़ा कारोबार खड़ा किया है. बताया गया है कि फर्टिलाइजर सब्सिडी बढ़ने की वजह से खाद बनाने वाली कंपनियों का अच्छा मुनाफा हुआ है.
दुनिया में पहली बार इफको ने 31 मई 2021 को नैनो यूरिया की शुरुआत की थी. जिसकी 500 एमएल की 6 करोड़ बोतल बेच दी गई है. खेतों में अब इसका जमकर इस्तेमाल हो रहा है. अब नैनो लिक्विड डीएपी भी शुरू हो गई है. जिसका पेटेंट 2022 में ही मिल गया था. इसकी 500 एमएल की एक बोतल एक बोरी सामान्य यूरिया के बराबर है.
गुजरात स्थित इफको की कलोल विस्तार यूनिट, कांडला यूनिट और ओडिशा स्थित पारादीप यूनिट में नैनो डीएपी का प्रोडक्शन होगा. तीनों यूनिटों में रोजाना 500 एमएल नैनो डीएपी की 2-2 लाख बोतलें तैयार होंगी. इफको की कलोल विस्तार यूनिट में जल्द ही उत्पादन शुरू होगा. पारादीप, ओडिशा में जुलाई 2023 तक उत्पादन शुरू हो जाएगा, जबकि कांडला, गुजरात में अगस्त 2023 तक उत्पादन शुरू हो जाएगा. उम्मीद है कि इससे भी इफको के लाभ में इजाफा होगा.
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने बताया कि इफको प्लांटों से वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 95.61 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का उत्पादन किया गया, जो अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड है. इसमें 48.80 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 30 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 46.75 लाख मीट्रिक टन एनपीके शामिल है.
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