पथरीली जमीन में बनाया तालाब और शुरू की बागवानी, अमरूद और अंगूर से की रिकॉर्ड कमाई

पथरीली जमीन में बनाया तालाब और शुरू की बागवानी, अमरूद और अंगूर से की रिकॉर्ड कमाई

संतोष राउत बताते हैं कि जब उनके बाग से अंगूर पककर तैयार होता है तो इसकी ग्रेडिंग होती है और उसके अनुसार इसकी कीमत बाजार में तय होती है. साथ ही उन्होंने बताया कि वो अपने खेतों में देसी गाय के गोबर से बनी खाद का भी प्रयोग करते हैं जिससे उनकी फसल की पैदावार अच्छी होती है और फल की गुणवत्ता और स्वाद बेहतर होता है.

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पथरीली जमीन में बनाया तालाब और शुरू की बागवानी, अमरूद और अंगूर से पाई रिकॉर्ड कमाईप्रगतिशील किसान संतोष राउत अपने तालाब पर

बारामती के नीमगांव, तहसील इंदापुर, पुणे (महाराष्ट्र ) के निवासी संतोष राउत अपने क्षेत्र के एक प्रगतिशील किसान हैं. संतोष बीते लंबे समय से अपने खेतों में अंगूर, अमरूद और अन्य फलों की बागवानी और पशुपालन भी कर रहे हैं. संतोष राउत ने 'किसान तक' से बात करते हुए बताया कि उनके खेतों में पानी का स्रोत नहीं था, जमीन पथरीली थी और बारिश भी न के बराबर होती थी. इस समस्या को लेकर वे काफी गंभीर थे. सिंचाई के पानी को लेकर काफी चिंतित थे. फिर उन्होंने कृषि वैज्ञानिक केंद्र, बारामती का रुख किया.

बारामती कृषि वैज्ञानिक केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों से उन्होंने लगातार बातचीत की. उन्होंने पानी स्टोरेज, जल संरक्षण को लेकर नई तकनीक और योजनाओं पर काम करना शुरू किया. इसी क्रम में उन्होंने अपने खेत के पास पानी को स्टोर करने के लिए तालाब का निर्माण किया और फिर ड्रिप सिंचाई तकनीक की मदद से अपने खेतों में पानी का स्रोत बनाया. इस बीच किसानों के एक समूह ने इजरायल और अन्य देशों की तकनीक जानने के लिए विदेश का दौरा किया. इस समूह में संतोष राउत भी शामिल थे. संतोष ने वहां से जानकारी एकत्रित कर रोडमैप तैयर किया कि वे अपने खेतों में कैसे पानी को स्टोर कर सकते हैं.

मुनाफे की खेती के लिए बनाई रणनीति

फिर संतोष ने अपने खेतों में बागवानी करने का मन बनाया और ऐसी फसल लगाना शुरू किया जिसको कम पानी चाहिए होता है. ऐसी फसलें लगाईं जिससे मुनाफा भी अच्छा कमाया जा सकता है. आज संतोष अपने खेतों में लगे अंगूर और अमरूद के बागों पर काम कर रहे हैं. बीते कुछ वर्षों में उनको इससे अच्छा मुनाफा भी हुआ है. वे अपने खेतों से निकला अंगूर दिल्ली तक सप्लाई करते हैं. इसी के साथ वो आस-पास के किसानों के लिए प्रेरणा भी बने हैं और उनके खेतों में आने वाले युवा किसानों को ट्रेनिंग और मार्गदर्शन भी देते हैं.

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संतोष राउत ने 'किसान तक' को बताया कि अंगूर की खेती करते समय किसान भाई-बहनों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे वे अंगूर की बागवानी की मदद से अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. अंगूर की बागवानी करते समय अलग-अलग वैरायटी पर काम होता है, जिससे किशमिश और इससे बनने वाली वाइन भी तैयार होती है. 

संतोष बताते हैं कि जब उनके बाग से अंगूर पककर तैयार होता है तो इसकी ग्रेडिंग होती है और उसके अनुसार इसकी कीमत बाजार में तय होती है. साथ ही उन्होंने बताया कि वो अपने खेतों में देसी गाय के गोबर से बनी खाद का भी प्रयोग करते हैं जिससे उनकी फसल की पैदावार अच्छी होती है और फल की गुणवत्ता और स्वाद बेहतर होता है.

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