गाजीपुर स्थित गांव गौरा बाजार के किसान रंजीता सिंह और मनोज कुमार सिंह (Image- Social Media)आज हम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित गांव गौरा बाजार पीजी कॉलेज के रहने वाले सिविल इंजीनियर मनोज कुमार सिंह और उनकी शिक्षिका पत्नी रंजीता सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने इंजीनियर की नौकरी छोड़ केले की खेती की तरफ रुख किया. अब दोनों लोग मिलकर केले की खेती करके सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. इंडिया टुडे के किसान तक से खास बातचीत में प्रगतिशील किसान मनोज सिंह ने बताया कि 4 अगस्त 2024 को पहली बार एक एकड़ में केले की बागवानी शुरू किया था. 1998 में सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद निजी कंपनी में 45 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी करते थे. लेकिन पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारियां बढ़ीं और गांव की तरफ वापस आना पड़ा.
उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी रंजीता एक शिक्षिका थीं, जो गाजीपुर के मरदह एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती थी. वहीं पिता जी के निधन के बाद हम दोनों ने मिलकर कुछ अलग करने का फैसला लिया. मनोज बताते हैं कि दोनों पति-पत्नी ने अपनी स्थायी नौकरियां छोड़कर ऑर्गेनिक खेती को अपनाया और केले की खेती में बंपर पैदावार की. जिससे हम लोगों को पहले साल में 10-12 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. उन्होंने बताया कि एक-एक पेड़ पर औसतन 27 से 32 किलो तक फल आए थे.
अपनी कमाई का जिक्र करते हुए मनोज ने बताया कि वर्ष 2024-2025 में एक एकड़ में लगे केला को गाजीपुर और वाराणसी की मंडी में 10-15 रुपए किलो के हिसाब से बेचा तो 10-12 लाख प्राप्त हुआ. इस दौरान लागत दो लाख थी. इतनी अधिक आमदनी को देख इस बार 5 एकड़ में खेती कर रहे हैं. वहीं एक पेड़ से 27-28 किलो केले की फसल तैयार होती है. किसन मनोज ने बताया कि एक एकड़ में करीब 850 केले के पौधे लगाए थे. वहीं एक एकड़ में 1100-1200 केले के पौधे आते है.
वहीं दूसरी फसल भी अब कुछ दिनों में तैयार होने वाली है. रंजीता सिंह ने बताया कि केले की सप्लाई वाराणसी और गाजीपुर के मंडी में होती है. हम लोग कुछ जमीन लीज पर लेकर भी केले की खेती कर रहे हैं. क्योंकि उन्होंने पहले कभी खेती नहीं की थी. लेकिन अब जब अपने लगाए पेड़ पर फल लगते देखते हैं, तो एक अलग तरह की खुशी होती है. इस दंपति की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मुख्य रूप से प्राकृतिक खेती करते हैं.
उन्होंने बताया कि नासिक से जैन प्रजाति केले का पौधा मंगाकर अभी 5 एकड़ में केला की बागवानी कर रहे हैं. आज अपनी मेहनत के दम पर किसान दंपति युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं.
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