हिमाचल के किसान ने 20 हजार की लागत में कमाया तीन लाख का मुनाफा, नेचुरल फार्मिंग को बनाया रोजगार

हिमाचल के किसान ने 20 हजार की लागत में कमाया तीन लाख का मुनाफा, नेचुरल फार्मिंग को बनाया रोजगार

अजय रतन ने प्राकृतिक खेती में अनाज सहित अन्य फसलों और सब्जियों का उत्पादन किया. उन्होंने अनाज में गेहूं, मटर, चना, गन्ना और सोयाबीन की खेती की वहीं सब्जियों में शिमला मिर्च, लौकी, तोरई, और अदरक की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया. इन सभी फसलों की खेती उन्होने अपने 25 बीघे खेतों में किया. जिसमें उन्हें कुल 3 लाख रुपये का मुनाफा हुआ.

Advertisement
इस किसान ने 20 हजार की लागत में कमाया तीन लाख का मुनाफा, नेचुरल फार्मिंग को बनाया रोजगार हिमाचल प्रदेश के किसान प्राकृतिक खेती में ले रहे अच्छी कमाई

प्राकृतिक खेती धीरे-धीरे समय की मांग बनती जा रही है क्योंकि प्राकृतिक खेती कर उगाई गई सब्जियों और फलों का स्वाद अलग ही होता है. इसको बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार प्रयासरत हैं. प्राकृतिक खेती का मूल्य उद्देश्य कम लागत में किसानों की आमदनी को बढ़ाना और खेतों की उर्वरता को बरकरार रखना है. प्राकृतिक खेती के फायदे जानने के बाद हिमाचल प्रदेश के घुमारवीं ब्लॉक के ग्राम न्यून के किसान अजय रतन ने प्राकृतिक खेती में अपना हाथ आजमाया. इसमें उन्हें सफलता हाथ लगी और उन्होंने 20 हजार की लागत में खेती कर तीन लाख रुपये का मुनाफा कमाया.

शुरुआत में उन्होंने रासायनिक खेती को अपनाया था. लेकिन, लागत के हिसाब से ज्यादा मुनाफा नहीं मिलने के कारण उन्होंने रासायनिक खेती छोड़ दी. उसमें उनकी 20 हजार की लागत का मुनाफा मात्र 65 हजार मिलता था. तब उन्होंने रासायनिक खेती को छोड़ प्राकृतिक खेती में ध्यान लगाया और सफल भी हुए. आज उनकी खेती के चर्चे दूर-दूर तक हो रहे हैं.

इन फसलों से कमाया मुनाफा

अजय रतन ने प्राकृतिक खेती में अनाज सहित अन्य फसलों और सब्जियों का उत्पादन किया. उन्होंने अनाज में गेहूं, मटर, चना, गन्ना और सोयाबीन की खेती की. वहीं सब्जियों में शिमला मिर्च, लौकी, तोरई, और अदरक की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया. इन सभी फसलों की खेती उन्होने अपने 25 बीघे खेतों में किया जिसमें उन्हें कुल 3 लाख रुपये का मुनाफा हुआ.

ये भी पढ़ें:- युवा किसान ने पथरीली जमीन पर की आलू की खेती, 80 बीघे में उगाई फसल

क्या है प्राकृतिक खेती

आज के समय में प्राकृतिक खेती का काफी महत्व बढ़ता जा रहा है क्योंकि रसायन और खाद का प्रयोग जमीन की उपज शक्ति को नष्ट करते जा रहा है. प्राकृतिक खेती एक कृषि की प्राचीन पद्धति है. यह भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखने में मदद करती है. इसमें रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है. इसमें किसी तरह के रासायनिक खाद का भी इस्तेमाल नहीं होता है. इसकी खेती में वही तत्व इस्तेमाल होते हैं जो पूरी तरह से प्राकृतिक होते हैं. उन्हीं कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है जो पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से बने होते हैं. प्राकृतिक खेती के लिए गौ पालन करना भी बेहद जरूरी होता है क्योंकि गोबर से खाद आदि आसानी से बनाए जाते हैं.

प्राकृतिक खेती के फायदे

प्राकृतिक खेती से किसानों की पैदावार रासायनिक खेती वाले किसानों से अधिक होती है. वहीं इसकी खेती करने वाले किसानों का मुनाफा भी अधिक होता है. इसकी खेती में रासायनिक खाद का प्रयोग न होने से स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. वहीं यह पर्यावरण के लिए भी काफी बेहतर है. इसकी खेती करने में पानी का भी कम उपयोग किया जाता है.

POST A COMMENT