Success Story: पटना की सुशीला मछली के स्केल को भेज रही हैं जापान, लगातार बढ़ रही इनकम

Success Story: पटना की सुशीला मछली के स्केल को भेज रही हैं जापान, लगातार बढ़ रही इनकम

पटना की रहने वाली सुशीला देवी मछली के चोएंटा यानी कि स्केल को जापान भेज रहीं हैं. इससे सालाना चार से पांच लाख तक की कमाई कर रही हैं. वह कहती हैं कि आज इस व्यवसाय के कारण पैसे की कमी नहीं होती है. 

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Success Story: पटना की सुशीला मछली के स्केल को भेज रही हैं जापान, लगातार बढ़ रही इनकमपटना की रहने वाली सुशीला देवी मछली के चोएंटा को जापान भेज रहीं हैं. इससे सालाना चार से पांच लाख तक की कमाई कर रही है. यह कहती हैं कि आज इस व्यवसाय के कारण पैसे की कमी नहीं होती हैं.

बिहार जैसे राज्य में मछली पालन रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है. आज यह ग्रामीण से लेकर शहरी लोगों के लिए जीविकोपार्जन का सबसे बड़ा माध्यम है. बिहार के मछली में आत्मनिर्भर होने से किसानों की कमाई बढ़ी है. साथ ही सरकारी मदद के साथ कई लोग इससे जुड़े अलग-अलग तरह के प्रॉडक्ट बनाकर कमाई कर रहें है. लेकिन पटना की रहने वाली सुशीला देवी मछली के चोएंटा (स्केल या शल्क) से साल में चार से पांच लाख तक की कमाई कर रही हैं. अपने पति के साथ कारोबार को शुरू किया था. अब उनके जाने के बाद उसे आगे बढ़ा रही हैं. वह मछली के चोएंटा को जापान भेज रही हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि अपने कारोबार का पूरा प्रबंधन खुद करती हैं. इसके साथ ही अन्य राज्य के अन्य जिलों की महिलाओं को भी जोड़ रही हैं. 

मछली के चोएंटा को साठ रुपये किलो के हिसाब से जापान की एक कंपनी को भेजती हैं.फोटो-किसान तक
मछली के चोएंटा को साठ रुपये किलो के हिसाब से जापान की एक कंपनी को भेजती हैं.फोटो-किसान तक

सुशीला देवी बिहार की पहली ऐसी महिला हैं, जो चोएंटा से जुड़ा कारोबार कर रही हैं. यह मछली के चोएंटा को साठ रुपये किलो के हिसाब से जापान की एक कंपनी को भेजती हैं. वहीं ये तीन से चार महीने के अंदर एक ट्रक माल कोलकाता भेजती हैं. वहां से जापान चला जाता है. जहां कई तरह की बीमारियों के इलाज में दवा बनाई जाती है. 

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ऐसे शुरू किया मछली का व्यवसाय

आज से बीस साल पहले राजनीति के जरिये अपने वर्तमान के साथ सुंदर भविष्य की सपना देखने वाली सुशीला देवी कहती हैं कि दस साल तक लगातार कई पार्टियों का झंडा और बैनर ढोने का काम किया गया. लेकिन राजनीति से जुड़े लोग केवल अपना फायदा देखते थे. राजनीतिक पार्टी से जुड़ने का कोई फायदा नहीं दिखा. उसके बाद मत्स्य विभाग से संपर्क किया गया जहां मछली का चोएंटा बेचने की राय अधिकारियों ने दी. उसके बाद पिछले दस साल से मछली का चोएंटा बेच रही हैं. जापान की एक कंपनी उनसे चोएंटा खरीदती है. आगे वह बताती हैं कि इस व्यवसाय से जुड़ने से पहले आसपास के लोग कई तरह के व्यंग कसते थे. लेकिन आज वही लोग इसके बारे में जानकारी हासिल कर रहें हैं. 

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कई लोगों को बना रही हैं समृद्ध 

आज सुशीला देवी खुद के साथ पटना सहित आसपास के कई जिलों के लोगों से मछली का चोएंटा खरीदती हैं. सुशीला कहती हैं कि उनसे पैंतीस से चालीस रुपये के हिसाब से खरीदती हैं. घर पर उसको साफ करके साठ रुपये के हिसाब से जापान की कंपनी को भेज देती हैं. सुशीला अपने इस कारोबार को खुद आगे बढ़ा रही हैं. आज मछली के कारोबार के जरिये एक दो जगह जमीन खरीद चुकी हैं जो शायद केवल मछली बेचने से संभव नहीं होता. वहीं आज सुशीला आठ से दस सदस्यों वाली अपने परिवार का खर्च चला रही हैं.

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