इंटरक्रॉपिंग तकनीक ने बदली चरण स‍िंह की किस्मत, अब कमा रहा है बेहतर मुनाफा

इंटरक्रॉपिंग तकनीक ने बदली चरण स‍िंह की किस्मत, अब कमा रहा है बेहतर मुनाफा

देश में कई ऐसे किसान है, जिन्होंने आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी आय में बढ़ोतरी की है. ऐसे ही एक किसान चरण सिंह है जो हरियाणा के गुरुग्राम जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने नए तकनीक से खेती करके अपना नाम प्रगतिशील किसानों की लिस्ट में शामिल किया है.

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इंटरक्रॉपिंग तकनीक ने बदली चरण स‍िंह की किस्मत, अब कमा रहा है बेहतर मुनाफाइंटरक्रॉपिंग तकनीक ने बदली किसान की किस्मत, फोटो साभार: freepik

देश के किसान कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करने लगे हैं. मसलन, धीरे-धीरे किसान भी पुराने तरीके छोड़कर नए तरीके से खेती करके कृषि के क्षेत्र में कीर्तिमान हासिल करने लगे हुए हैं. क्योंकि अब पुराने तकनीकों से खेती करके अच्छा पैदावार करना आसान नहीं है. इसलिए सरकार भी आधुनिक कृषि तकनीकों को प्रमोट कर रही है. नई तकनीकों से किसान का काम भी आसान और सुविधाजनक हो रहा है. साथ ही तकनीकी के इस्तेमाल से पैसा और समय की भी बचत होती है.

देश में कई ऐसे किसान है, जिन्होंने इन आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी आय में बढ़ोतरी की है. तो वहीं दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हैं. ऐसे ही एक किसान चरण सिंह है जो हरियाणा के गुरुग्राम जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने इंटरक्रॉपिंग तकनीक से खेती करके अपना नाम प्रगतिशील किसानों की लिस्ट में शामिल किया है.

इंटरक्रॉपिंग खेती से की आय में बढ़ोतरी

किसान चरण सिंह अपने खेतों में इंटरक्रॉपिंग के जरिए अनाज, फल और सब्जियों की खेती करते हैं. उन्होंने अपने खेत में एक पॉलीहाउस भी लगाया है. साथ ही उन्होंने सिंचाई के तरीकों में बदलाव करते हुए संरक्षित ढांचे के तहत आधुनिक इरिगेशन सिस्टम भी लगाया है. इसके लिए पाइप लाइन बिछाई है. इस तरह के बूंद-बूंद सिंचाई के तरीके से फसल का उत्पादन बढ़ रहा है, आय में वृद्धि हो रही है और साथ ही पानी का भी बचत हो रहा है.

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अपना अनुभव किया साझा

इंटरक्रॉपिंग खेती में अपना अनुभव साझा करते हुए चरण ने बताया कि पहले वो पॉलीहाउस की जगह साधारण खेती करते थे. खुले में खेती करने से कीट रोग और मौसम की वजह से उन्हें नुकसान होता था. लागत भी नहीं निकल पाती थी. उसके बाद जब पॉलीहाउस तकनीक से खेती की तो नुकसान कम हुआ और उत्पादन में बढोतरी हुई. साथ ही उत्पादित फसलों के बाजार में अच्छे दाम मिले. उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि भविष्य में अगर खेती –बाड़ी में बेहतर मुनाफा कमाना है तो पारंपरिक खेती को छोड़कर हाईटेक खेती की ओर बढ़ना होगा. तभी किसानों को कुछ फायदा हो सकता है.

बागवानी विभाग ने किया था सहयोग

प्रगतिशील किसान चरण सिंह ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल ही अच्छी नहीं थी, लेकिन उन्होंने आधुनिक तकनीकों की ओर खुद को अग्रसर किया और सफल हुए. उन्होने कहा कि उनके इस सपने को साकार करने में बागवानी विभाग ने भरपूर सहयोग किया. उसके बाद आज उनकी खेती भी अच्छी चल रही है. उपज में भी बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही परिवार का खर्च और बच्चों की पढ़ाई भी बेहतर तरीके से चल रही है.

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