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Success Story: औषधीय पौधों की खेती से बिहार के इस किसान ने बदली तकदीर, बेटी को बनाया BDO

Success Story: औषधीय पौधों की खेती से बिहार के इस किसान ने बदली तकदीर, बेटी को बनाया BDO

मधेपुरा जिला के किसान मेडिसिनल प्लांट की खेती से बदल रहे अपनी जिंदगी. साल में 15 लाख से अधिक की है कमाई. किसान का कहना है कि औषधीय पौधों की खेती किसानों के लिए बैंक डिपॉजिट है. 

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 मधेपुरा जिला के किसान मेडिसिनल प्लांट की खेती से बदल रहे अपनी जिंदगी. साल का पंद्रह लाख से अधिक की कमाई. किसान का है कहना औषधीय पौधों की खेती किसानों का बैंक डिपॉजिट. मधेपुरा जिला के किसान मेडिसिनल प्लांट की खेती से बदल रहे अपनी जिंदगी. साल का पंद्रह लाख से अधिक की कमाई. किसान का है कहना औषधीय पौधों की खेती किसानों का बैंक डिपॉजिट.

औषधीय पौधों की खेती भले ही कम लोग कर रहे हैं. लेकिन जो कर रहे हैं, इससे उनकी अच्छी इनकम हो रही है. बिहार की राजधानी पटना से करीब 200 किलोमीटर दूर मधेपुरा जिले के शंभू शरण भारती औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं. वे इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं. साथ ही लोगों को बताने का भी काम कर रहे हैं कि कम जगह में कोई किसान कृषि से किस तरह अच्छी कमाई कर सकता है. शंभू शरण भारती कहते हैं कि जब कमाई का कोई बेहतर साधन नहीं दिखा, तो औषधीय पौधों की खेती की ओर कदम रखा. आज 24 कट्ठे जमीन में औषधीय पौधों की खेती से सालाना 15 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहा हूं, जो शायद परंपरागत खेती हो या अन्य खेती की तकनीक से संभव नहीं है. 

24 कट्ठा जमीन में 110 प्रकार के औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं.
24 कट्ठे जमीन में 110 प्रकार के औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं.

शंभू शरण भारती मधेपुरा जिले के राजपुर गांव में औषधीय खेती करते हैं. ये 24 कट्ठे जमीन में 110 प्रकार के औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं. इनका मानना है कि घाटे में चल रही खेती को लाभकारी बनाना है, तो हर किसान को कुछ एरिया में मेडिसनल प्लांट की खेती जरूर करना चाहिए. आज इस खेती के बदौलत ही इनके बच्चे उच्च शिक्षा हासिल करने के साथ ही बेटियां सरकारी क्षेत्र में उच्चे पद पर नौकरी कर रही हैं. ये कहते हैं कि अन्य लोगों की तरह खेती करता तो घर का खर्च चलाना ही संभव नहीं था. 

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110 प्रकार के औषधीय पौधों की खेती 

किसान तक से बातचीत करते हुए शंभू शरण भारती ने कहा कि उन्होंने ने करीब 24 कट्ठे में 110 प्रकार के मेडिसिनल प्लांट की खेती की है, जिसमें अश्वगंधा, काली हल्दी, एमरंडा, तुलसी, गुलाब जामुन और सतावर सहित अन्य औषधीय पौधे शामिल हैं. ये कहते हैं कि सतावर किसानों के लिए बैंक डिपॉजिट है. इससे किसान कम जगह और कम खर्च में अधिक कमाई कर सकते है. इनके अनुसार इन्होंने 24 कट्ठे जमीन में सतावर से करीब दस लाख रुपए तक की कमाई कर चुके है.  

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इस वजह से शुरू की मेडिसिनल प्लांट की खेती

9 सदस्यों वाले परिवार का पालन पोषण की जिम्मेदारी शम्भू शरण भारती के ऊपर थी. पांच बेटियों के साथ दो बेटों को बेहतर शिक्षा दिलाने की जद्दोजहद को देखते हुए उन्होंने सतावर की खेती करने का निर्णय किया. इससे अच्छी कमाई हुई. जिसके बाद मेडिसिनल प्लांट की खेती बड़े स्तर पर शुरू कर दी. जिसका परिणाम रहा कि उनकी एक बेटी BDO हैं, तो दो बेटियां शिक्षक. साथ ही दोनों बेटे इंजीनियरिंग पास हैं. आगे ये कहते हैं कि अगर पैसा नहीं होता तो बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते. लेकिन मेडिसिनल प्लांट की खेती के कारण आर्थिक पक्ष के साथ सामाजिक स्तर पर भी एक अलग पहचान बनी है.