किसान खेती को अच्छे से कर पाएं, इसके लिए कई सरकारी स्कीम (Government Scheme) और कृषि उपकरण (Farm Equipment) आज के वक्त में मौजूद हैं. आज के टाइम में किसान भी पारंपरिक अंदाज की खेती की जगह नए उपयोग करके जमकर मुनाफा कमा रहे हैं. इसी लिस्ट में शामिल हैं. राजस्थान के नागौर जिले के गोगौर गांव के रहने वाले राम निवास चौधरी, जो पॉलीहाउस व शेडनेस हाउस में खीरे और मिर्च की खेती करके जमकर कमाई कर रहे हैं.
किसान राम निवास ने बताया है कि पॉलीहाउस में वह 90 प्रतिशत तक खीरे की खेती करते हैं. वो बाजार में चल रहे भाव के हिसाब से मुनाफा कमाते हैं. खीरे की खेती करने में उनके एक एकड़ में 70 हजार के बीज लग जाते हैं. जबकि जुताई से लेकर कटाई तक में इसकी लागत करीब 2 से 3 लाख तक की आ जाती है. जबकि इसकी कटाई हर 4 महीने में हो जाती है. एक एकड़ में किसान को करीब 400 कुंतल की उपज मिल जाती है.इससे खीरे की खेती करने वाला किसान करीब 7 से 8 लाख तक का मुनाफा कमा लेता है.
किसान राम निवास के अनुसार, मई से जून के महीने में खीरे की कीमत 45 रुपये किलो तक हो जाती है, उस समय उनको इसका अधिक मुनाफा मिल जाता है. जबकि बाद में वही खीरा 15 से 20 रुपये किलो बिकता है, तब थोड़ा नुकसान भी झेलना पड़ जाता है. हालांकि वह एक साल में दो बार खीरे की खेती करते हैं. लेकिन इसके साथ वो मिर्च की खेती भी कर लेते हैं. इससे वो साल में करीब 14 साल का मुनाफा आसानी से कमा ही लेते हैं.
किसान राम निवास ने बताया कि खीरे की खेती को करने में ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है. इसकी फसल भी तीन से चार महीने में हो जाती है. साथ ही फसल की बुवाई के लिए मजदूरों की भी जरुरत नहीं पड़ती है.वह खीरों के लिए रासायनिक की जगह जैविक खाद का प्रयोग करते हैं.
उनके अनुसार अगर सरकार मदद करेगी तो किसान को ज्यादा लाभ मिलेगा. कई नई तकनीक आ गई हैं जिनकी मदद से किसान उपज को बढ़ा सकता है.उनके मुताबिक, उन्होंने करीब 5 साल पहले 20 लाख रुपये खुद से लगाकर ही शेडनेट हाउस की स्थापना की थी. उस वक्त उनको भी आर्थिक दिक्कतों को काफी झेलना पड़ा था. अगर सब्सिडी मिल जाती तो फिर शेडनेट लगाने में उनकी आधी लागत होती और मुनाफा भी बढ़ता.
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