Success Story: परंपरागत फसलों से इतर किसान अब कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलों की खेती करने लगे हैं. इसी कड़ी में बाराबंकी (Barabanki News) के पाटमऊ गांव के रहने वाले युवा किसान विमल वर्मा 5 बीघे केले की खेती (Banana Farming) से 6 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे है. विमल वर्मा ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले 2 बीघे से केले की खेती की शुरुआत की थी, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज वह करीब 6 बीघे में केले की खेती कर रहे हैं. इस खेती से उन्हें सालाना लगभग 5 से 6 लाख रुपए मुनाफा हो रहा है.
विमल वर्मा ने आगे बताया कि करीब 15 वर्ष पहले केले की खेती की शुरुआत की थी. उस समय उतना मुनाफा नहीं हो पाता था, जितना आज के समय में हो रहा है. इस समय हम लगभग 6 बीघे में केले की खेती कर रहे हैं, जिसमें G-9 का केला लगा है, जो हिंदुस्तान कंपनी का है. G-9 का साइज अन्य केलों से बड़ा होता है और यह स्वाद में अपेक्षाकृत अधिक मीठा होता है. उन्होंने बताया कि इसका एक पौधा 16 रुपए में मिलता है और पैदावार करीब एक बीघे में 50 से 60 क्विंटल निकलती है.
बाराबंकी के प्रगतिशील किसान विमल वर्मा बताते हैं कि केले की खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है, उसके बाद हर दो फीट पर गड्ढे खोदे जाते हैं, फिर उसमें पौधे लगा दिए जाते हैं. उसके बाद जब पेड़ थोड़ा बड़ा हो जाता है, तब इसकी सिंचाई करते हैं. फिर खाद और कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करते हैं, जिससे पेड़ जल्दी तैयार हो जाता है. फिर फसल आनी शुरू हो जाती है, जो महज 13 से 14 महीने की होती है. इस खेती को एक बार लगाने से दो सालों तक मुनाफा ले सकते हैं. विमल ने बताया कि केले की खेती में लागत करीब एक बीघे में 20 हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब एक फसल पर 5 से 6 लाख रुपए तक हो जाता है.
किसान विमल वर्मा ने बताया कि केले की फसल उगाने के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करने से लागत और भी कम हो जाती है. उन्होंने किसानों को गोबर की खाद का इस्तेमाल करने की सलाह दी. यह कहा जाता है कि केले की कटाई के बाद जो कचरा बचता है उसे खेत के बाहर नहीं फेंकना चाहिए. इसे खेत में ही पड़े रहने देना चाहिए. यह खाद का काम करता है. इससे केले की पैदावार और बेहतर होता है.
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