उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में बिधूना तहसील के एक किसान चर्चा में हैं. यह चर्चा उनकी बागवानी को लेकर है. इस किसान का नाम आदित्य दुबे है जो रामगढ़ गांव के रहने वाले हैं. आदित्य दुबे ने 20 बीघा जमीन में बागवानी की है. इसमें बड़ी बात ये है कि उन्होंने 20 बीघा जमीन में चार सौ चंदन के पौधे लगाए हैं. ये सभी पौधे अच्छी तरह से बढ़ रहे हैं और आगे के लिए कमाई की संभावनाएं मजबूत कर रहे हैं. आदित्य दुबे की यह खेती इसलिए मशहूर हो रही है क्योंकि इस इलाके में चंदन की पहली बार बागवानी की गई है.
किसान आदित्य दुबे चंदन के पौधों की देखभाल और निगरानी खुद करते हैं. उन्होंने इसी बागवानी में अंजीर की खेती भी की है. इस इलाके में कभी किसी ने गरम मसाले के पौधे नहीं देखे थे, लेकिन आदित्य दुबे ने गरम मसाले के पौधे भी लगाए हैं. आदित्य दुबे का कहना है कि सब्जियों की खेती में गरम मसाला सबसे ज्यादा महंगा होता है और लोग बड़ी मुश्किल से खरीद पाते हैं. लेकिन इसकी एक पत्ती डालने से सब्जियों में बराबर स्वाद आ जाता है.
किसान आदित्य दुबे ने बताया कि चंदन का पौधा 14 साल में तैयार होगा. इसकी देखभाल खुद करनी पड़ती है. चंदन का पौधा खुद भोजन नहीं लेता, इसके भोजन का इंतजाम करना पड़ता है. अभी इसके साइड से लाल घास हेज लगाई है. उसके वाद अरहर के पौधे लगाए गए हैं जिससे इसके भोजन की आवश्यकता पूरी होती रहेगी.
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किसान आदित्य दुबे ने चंदन के साथ बाग में अंजीर और खजूर भी लगाए हैं. उन्होंने अपने बाग में सहजन भी बड़ी संख्या में लगाए हैं और इससे उन्हें लगातार सब्जी मिल रही है. वे कहते हैं कि इस बागवानी से अच्छा प्रॉफिट मिल जाता है. जहां कम खेती में बागवानी अच्छा मुनाफा दे रही है, वहीं चंदन के पौधे तैयार होने पर लकड़ी काफी महंगी बिकेगी और अच्छा मुनाफा होगा.
उन्होंने 'आजतक' को बताया कि इस तरह की खेती के लिए उन्होंने उमर्दा के कृषि विभाग अधिकारी डीएस यादव से संपर्क किया. डीएस यादव ने ही आदित्य दुबे को अंजीर, चंदन, आम, खजूर की खेती के लिए कृषि विभाग से अच्छे पौधे दिलाए. इन पौधों को कैसे लगाना है और कैसे देखभाल की जानी है, इसके बारे में उन्होंने पूरी जानकारी दी. इसी जानकारी के आधार पर आदित्य दुबे ने अपनी बागवानी को आगे बढ़ाया.
आदित्य दुबे ने बताया कि औरैया जिले के विज्ञान उद्यान अधीक्षक अनूप चतुर्वेदी बराबर जानकारी देते रहते हैं. उनके दिशा निर्देशों पर ही चंदन के पौधों की देखभाल कर रहे हैं और अन्य फसलों की खेती कर रहे हैं. आसपास के किसान आदित्य दुबे को अपनी प्रेरणा मानते हुए अलग-अलग फसलों की खेती कर रहे हैं. आसपास के किसानों का कहना है कि आदित्य दुबे ने इस तरह की खेती करके मिसाल कायम की है. वे कहते हैं कि आदित्य दुबे से सीख लेकर वे भी चंदन की खेती करेंगे. 'आजतक' से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके बाग में कैसे खेती की जा रही है और कैसे मुनाफा मिलेगा.(सूर्य शर्मा की रिपोर्ट)
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