यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी सरकार का सातवां बजट राज्य की विधानसभा में पेश किया. बजट पेश किए जाने के बाद संवाददाता सम्मेलन में सीएम योगी ने कहा कि पिछले 6 साल में यूपी ने कृषि सहित लगभग हर क्षेत्र में प्रगति की है. इसका नतीजा है कि यूपी की विकास दर 3 फीसदी बढ़ी है और इस उपलब्धि में कृषि क्षेत्र का अहम योगदान है. उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि यूपी की विकास दर को अगले 4 साल में 'डबल डिजिट' में पहुंचाया जाए.
योगी ने इस बजट को यूपी के 25 करोड़ लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला बजट बताया. योगी ने कहा कि यह बजट यूपी के समावेशी विकास को सुनिश्चित कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की बुनियाद साबित होगा.
योगी ने कहा कि 2017-18 में पहला बजट किसानों को समर्पित था. इसके बाद वर्ष 2018-19 में दूसरा बजट औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास को, वर्ष 2019-20 में तीसरा बजट महिला सशक्तिकरण को एवं वर्ष 2020-21 में चौथा बजट युवा व इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए समर्पित था. योगी ने कहा कि वर्ष 2021-22 में पांचवे बजट को स्वावलंबन से सशक्तिकरण की ओर ले जाने के लिए समर्पित किया गया. वहीं पिछले साल का बजट आत्मनिर्भर यूपी एवं अंत्योदय की संकल्पना को समर्पित किया गया था. इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए 2023-24 का बजट 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव' को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है.
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योगी ने कहा कि बीते छह साल में यूपी की जनता पर कोई अतिरिक्त कर लगाए बिना, पेट्रोल डीजल पर टैक्स में छूट देकर एवं मंहगाई से निजात दिलाते हुए टैक्स चोरी रोक कर पारदर्शी कर प्रणाली लागू करने में सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि 6 सालों में कृषि एवं किसान कल्याण की नीतियों के कारण किसानों को लगातार आर्थिक मजबूती मिली है. योगी ने इस साल के बजट प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि किसानोंं की जेब को राहत देने के लिए पिछले बजट में किसानों के नलकूप के बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट दी गई थी. उनकी सरकार इस छूट का दायरा बढ़ाकर अब 100 फीसदी तक करने जा रही है.
योगी ने कहा कि बजट में गन्ना विभाग से जुड़ी सभी सड़कों की देखरेख की जिम्मेदारी अब लोक निर्माण विभाग को दी गई है. इसके लिए अलग से कोष की व्यवस्था बजट में की गई है. इसी तरह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना के लिए इस बजट में 275 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा हर जिले में ओडीओपी उत्पादों के डिस्पले केन्द्र खोलने के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से 'यूनिटी मॉल' बनाए जाने की भी बजट में व्यवस्था की गई है.
उन्होंने बताया कि इस साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के मद्देनजर मिलेट्स पुनरुद्धार के लिए बजट में अलग से 55 करोड़ रुपये का प्रावधान है. वहीं, बजट में इस बार कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय खोलने की व्यवस्था से कृषि क्षेत्र को तकनीकि मदद मिलेगी.
योगी ने कृषि क्षेत्र के लिए बजट में किए गए उन प्रावधानों का भी जिक्र किया जिनके कारण किसानों की समृद्धि में इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि 2017 से ही उनकी सरकार ने फसल खरीद में मध्यस्थों को हटाकर सीधे किसान से उपज खरीदना प्रारंभ किया. इससे किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिली और उपज की पूरी कीमत किसान के बैंक खाते में जाने लगी. उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रदेश में बंद हो रही चीनी मिलों को चलाया गया.
योगी ने कहा कि छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए 750 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की गई है. निराश्रित गोवंश के लिए सेल्टर होम खोलने के लिए 120 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटन हुआ है. इसके अलावा एग्रो स्टार्ट अप शुरू करने और सहारनपुर में शहद के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने, डेयरी, मत्स्य संपदा एवं किसानों को कम ब्याज पर फसली ऋण उपलब्ध कराने की भी बजट में व्यवस्था है. इसी प्रकार कृषक दुर्घटना बीमा योजना में किसान के परिजनों एवं खेतिहर मजदूरों को भी शामिल कर इस योजना का दायरा बढ़ाया गया है. इसके लिए बजट में 750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
योगी ने कहा कि 2016-17 में बजट का आकार करीब 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपये था. पिछले छह साल में यूपी के बजट का आकार लगभग दोगुना होकर 6.90 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह बजट आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में मददगार साबित होगा.
उन्होंने कहा कि यह बजट यूपी को देश की सबसे सशक्त एवं 1 ट्रिलियन डालर के आकार वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मील का पत्थर भी साबित होगा. योगी ने कहा कि इस बजट के साथ ही गत विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा जारी किए गए लोककल्याण संकल्प पत्र के 130 वादों में से 110 वादे पूरे हो गए हैं.
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