पंजाब और हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी है. एमपी की तर्ज पर केंद्र सरकार पंजाब और हरियाणा के किसानों को भी केंद्र सरकार से राहत मिलने की उम्मीद है. जिसके तहत पंजाब और हरियाणा के किसानों के लिए भी गेहूं खरीद के गुणवत्ता मानदंडों में बदलाव किया जा सकता है. मसलन, एमपी की तरह ही किसानों से खराब गेहूं खरीदा जा सकता है. इस संबंध के संकेत केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को दिए हैं. असल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है.
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि सरकार देश के कुछ हिस्सों में खराब मौसम के बावजूद अनाज की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले फसल वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 112.18 मिलियन टन गेहूं उत्पादन के प्रति आशान्वित है. सरकार ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन 112.18 मिलियन टन रहने का अनुमान लगाया है.
कुछ राज्यों में गर्मी की लहर के कारण पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 107.74 मिलियन टन रह गया था.चोपड़ा ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में खराब मौसम के कारण गेहूं की फसल को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन उत्पादन घाटा न्यूनतम होगा. हम 112.2 मिलियन टन के कुल उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति आशान्वित हैं .
सचिव ने कहा कि मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी गई है और केंद्र जल्द ही पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील देने पर विचार करेगा. राज्य के स्वामित्व वाली एफसीआई और राज्य एजेंसियों द्वारा कई राज्यों में खरीद शुरू हो चुकी है.
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केंद्र ने सोमवार को कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल की बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल का लगभग 8-10 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है, लेकिन देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से उत्पादन की भरपाई होने की उम्मीद है. नुकसान. हाल के खराब मौसम के बावजूद, कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहा था कि कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार इस साल देश का कुल गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 112.2 मिलियन टन को छू जाएगा.
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