2 लाख हेक्टयर कृषि भूमि तबाह, अब खेती की जमीन नहीं बिकने देंगे, उत्तराखंड के कृषि मंत्री ने दिया बड़ा बयान

2 लाख हेक्टयर कृषि भूमि तबाह, अब खेती की जमीन नहीं बिकने देंगे, उत्तराखंड के कृषि मंत्री ने दिया बड़ा बयान

उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य बनने के बाद कृषि भूमि में 2 लाख हेक्टेयर की कमी आई, लेकिन उत्पादन 3 लाख टन बढ़ा. उन्होंने कहा कि मिलेट्स की मांग देशभर में बढ़ रही है और राज्य में सेब उत्पादन के मामले में उत्तराखंड कश्मीर और हिमाचल के बाद तीसरे स्थान पर है. पिछले वर्ष 2 लाख सेब के पौधे लगाए गए थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या 12 लाख तक पहुंच गई. किसानों को सब्सिडी पहले 60/40 थी, जिसे अब 90/10 कर दिया गया है.

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2 लाख हेक्टयर कृषि भूमि तबाह, अब खेती की जमीन नहीं बिकने देंगे, उत्तराखंड के कृषि मंत्री का बड़ा बयानउत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी

उत्त्तराखंड के कृषि और उद्यान मंत्री ने गणेश जोशी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने 'आजतक' से कहा कि विकास के नाम पर 2 लाख हेक्टयर कृषि भूमि तबाह हुई है. अब सरकार खेती की जमीन किसी को नहीं देगी. उन्होंने कहा कि विवादास्पद नर्सरी के नामों की सूची बनेगी. अब कृषि भूमि की बिक्री पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को बीमा क्लेम दिलाने का काम आसान बना रहे हैं. सेब के उत्पादन के बारे में कहा कि 2027 तक इसे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा, खेती की जमीन को किसी दूसरे प्रकार के उपयोग के लिए नहीं देंगे ताकि खेती की जमीन को बचा सकें. अगर इस प्रकार लगातार खेती की जमीन जाती रही तो खेती नहीं बचेगी. सरकार इस दिशा में काम कर रही है. एक सवाल कि जब किसान सब्सिडी मांगते हैं तो उसमें दिक्कत आती है और उसे लोन की तरफ डायवर्ट किया जाता है. इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि जितनी भी योजनाएं हैं, उसका सीधा फायदा किसानों के खाते में जाए.

सेब का दोगुना उत्पादन करेंगे

क्लाइमेट चेंज की वजह से उत्तराखंड में सेब की पैदावार में कमी दर्ज की जा रही है. पिछले दस साल में पैदावार घटी है. इस पर जोशी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 2027 में सेब के उत्पादन को दोगुना किया जाए. इसके लिए हाई डेंसिटी के पौधे लगाए जा रहे हैं. 2027 तक हम दोगुना तक पहुंच जाएंगे. बीमा क्लेम को लेकर किसानों को चक्कर काटना पड़ता है और किसानों को जल्द क्लेम नहीं मिलता. इस सवाल के जवाब में जोशी ने कहा, जहां-जहां भी मामले हमारे संज्ञान में आते हैं, हम तुरंत कार्रवाई करते हैं. अभी उत्तरकाशी बेल्ट के 10 हजार किसानों के क्लेम के मामले पेंडिंग थे. 

गणेश जोशी ने कहा, बीमा कंपनी द्वारा पोर्टल पर गलत जानकारी दी गई थी. उसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने कंपनियों से पूछताछ की. उसका रिजल्ट रहा कि आजतक 260 करोड़ का क्लेम कंपनी की ओर से बांट दिए गए हैं. कंपनियों से कहा गया है कि भविष्य में इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए. पोर्टल पर दी गई गलत जानकारी के संबंध में भारत सरकार को पत्र लिखा गया है. सरकार का फैसला आने के बाद बीच के अंतर का पैसा किसानों को दिया जाएगा.

दोषी नर्सरियों को खिलाफ कार्रवाई

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि जिस तरह से नर्सरियों को लेकर शिकायतें आ रही हैं, उस पर सरकार कठोर कार्रवाई करेगी. बीमा के बारे में कहा कि उत्तराखंड में किसानों को बीमा क्लेम के लिए चक्कर नहीं काटने होंगे. जैसे ही किसानों की शिकायतें आएंगी, वैसे ही उसका निपटारा किया जाएगा. जोशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने विभाग की उपलब्धियों के बारे में बताया. हालांकि नर्सरियों की अनियमितताओं के बारे में 'आजतक' के सवाल पर उन्होंने कहा कि विवादित नर्सरी की एक लिस्ट बनेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जो अधिकारी इसमें दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी. बता दें कि नर्सरियों पर पौध को बढ़ा-चढ़ा कर दामों पर बेचने का आरोप है. इस आरोप पर उत्तराखंड में कई महीने से हंगामा चल रहा है. 

कृषि मंत्री ने गिनाईं उपलब्धियां

उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य बनने के बाद कृषि भूमि में 2 लाख हेक्टेयर की कमी आई, लेकिन उत्पादन 3 लाख टन बढ़ा. उन्होंने कहा कि मिलेट्स की मांग देशभर में बढ़ रही है और राज्य में सेब उत्पादन के मामले में उत्तराखंड कश्मीर और हिमाचल के बाद तीसरे स्थान पर है. पिछले वर्ष 2 लाख सेब के पौधे लगाए गए थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या 12 लाख तक पहुंच गई. किसानों को सब्सिडी पहले 60/40 थी, जिसे अब 90/10 कर दिया गया है. कृषि और उद्यान विभाग में 609 नए कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, और 50,000 से अधिक पॉलीहाउस लगाने के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. सरकार ने केसर उत्पादन को भी बढ़ावा दिया है और हिमाचल की तर्ज पर सेब की ब्रांडिंग की योजना बनाई है.

उत्तराखंड में मशरूम उत्पादन को लेकर मंत्री गणेश जोशी ने दावा किया कि वर्तमान में राज्य में सालाना 20,000 टन मशरूम का उत्पादन हो रहा है और 20,000 से अधिक किसान इससे जुड़े हैं. 

हालांकि, यदि आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए, तो 2016 में 7,000 टन उत्पादन था, जो 2018 में 12,780 टन तक पहुंच गया. यानी औसतन 2,500 टन प्रति वर्ष की वृद्धि हुई. लेकिन 2018 से 2025 के बीच यह वृद्धि घटकर औसतन 1,350 टन प्रति वर्ष रह गई, जबकि किसानों की संख्या बढ़ी. इसका अर्थ यह है कि उत्पादन में वृद्धि किसानों की संख्या बढ़ने से हुई, न कि वास्तविक पैदावार में सुधार से. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि किसान अभी भी नुकसान में हैं.

 

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