किसानों को लुभाने और उन्हें मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार आम बजट 2023-24 में कृषि कर्ज को लेकर अहम फैसला ले सकती है. सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का विस्तार पीएम किसान योजना के हर लाभार्थी तक करना चाहती है, ताकि उन्हें खेती के लिए साहूकारों पर निर्भर न रहना पड़े. उन्हें पैसे के लिए भारी भरकम ब्याज न चुकाना पड़े. ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी के जरिए पैसा मिले इसके लिए बिना गारंटी के दिए जाने वाले केसीसी लोन की सीमा एक लाख से बढ़ाकर 1.60 लाख रुपए कर दी गई है. अब आने वाले बजट में एक और राहत मिल सकती है. किसानों को जीरो परसेंट ब्याज पर एक लाख रुपये तक के कृषि कर्ज का तोहफा मिल सकता है.
भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर तैयार किए गए अपने संकल्प पत्र में कृषक समुदाय से वादा किया था कि दोबारा सरकार आई तो एक लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त केसीसी लोन दिया जाएगा. सरकार एक से पांच वर्ष के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रुपये तक का कृषि कर्ज देगी, लेकिन इसमें मूलराशि को समय पर अदा करने की कंडीशन लगेगी. लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है.
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि छोटी रकम के ब्याज मुक्त कर्ज से किसानों की जिंदगी आसान होगी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. इसलिए केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर देना चाहिए. राजस्थान और मध्य प्रदेश में राज्य सरकार पहले से ही ऐसी योजना संचालित कर रही हैं. लेकिन, केंद्र सरकार को अपने स्तर पर इसे लागू करना चाहिए. बीजेपी ने इसका वादा भी किया था. इसलिए हमें उम्मीद है कि इस बार सरकार इस वादे को पूरा करेगी.
नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन के मुताबिक इस समय प्रति किसान परिवार 74121 रुपये का कर्ज है. जिसमें से करीब 57.5 फीसदी लोन कृषि कार्यों के लिए लिया गया है. करीब 70 फीसदी लोन बैंकों और सहकारी समितियों से लिया गया है. इसका मतलब साफ है कि खेती के लिए अब भी लोग साहूकारों से भी लोन लेते हैं, जिन पर मोटा ब्याज चुकाना होता है. ऐसे में अगर एक लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन देने की बात होती है तो यह किसानों को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम होगा. किसान साहूकारों के जाल में फंसने की जगह बैंकों से बिना ब्याज वाला लोन लेकर खेती को आगे बढ़ाएंगे.
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इस समय खेती-किसानी के लिए सबसे सस्ता लोन किसान क्रेडिट कार्ड पर ही मिलता है. तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याज दर 9 परसेंट है. सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है. यदि किसान उसे समय पर लौटा देता है तो तीन परसेंट की और छूट मिलती है. इस तरह प्रभावी दर महज 4 प्रतिशत रह जाती है. इससे कम ब्याज दर पर किसानों को खेती के लिए पैसा नहीं मिलता. सरकार ने किसानों को राहत देते हुए बैंकों से केसीसी बनवाने के लिए लगने वाली फीस खत्म कर दी है.
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