कुछ ही घंटे में गुजरात से दिल्ली पहुंच जाएगा दूध, फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से 10 घंटे की हुई बचत

कुछ ही घंटे में गुजरात से दिल्ली पहुंच जाएगा दूध, फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से 10 घंटे की हुई बचत

न्यू दादरी (यूपी में) से साणंद (गुजरात में अहमदाबाद के पास) तक वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) शुरू होने के साथ अब तेज गति के साथ दूध टैंक वैगनों के परिवहन में काफी फायदा हुआ है. गुजरात से दिल्ली तक दूध लाने का समय अभी 10 से भी ज्यादा घट गया है.

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कुछ ही घंटे में गुजरात से दिल्ली पहुंच जाएगा दूध, फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से 10 घंटे की हुई बचतगुजरात से 14 घंटे में दिल्ली पहुंच जाएगा दूध

गुजरात से दिल्ली तक दूध लाने का समय अभी 10 से भी ज्यादा घट गया है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि उत्तर प्रदेश के न्यू दादरी में वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) शुरू हो गया है. इससे गुजरात के आणंद से दिल्ली तक दूध लाने के समय में बहुत अधिक बचत होगी, गुजरात के अहमदाबाद के नजदीक साणंद से दिल्ली में दूध की बड़ी सप्लाई आती है जिसे ट्रेन के माध्यम से ढोया जाता है. अभी तक इस रूट से दूध लाने में 23 घंटे से अधिक का समय लगता था, लेकिन दादरी में फ्रेट कॉरिडोर के बनने से इसमें 10 घंटे की बचत होगी.

दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश इलाकों में गुजरात के डेयरी प्लांट्स से दूध की सप्लाई होती है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) ने कहा कि पालनपुर क्षेत्र के आसपास बनास और मेहसाणा डेयरी से हर दिन लगभग 35 लाख लीटर दूध की आपूर्ति की जाती है.

वेस्टर्न कॉरिडोर का फायदा

बयान में कहा गया है कि भारतीय रेलवे ने गुजरात के पालनपुर और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के बीच एक स्पेशल सर्किट के जरिये मिल्क टैंकों की मदद से दूध की ढुलाई की है. "न्यू दादरी (यूपी में) से साणंद (गुजरात में अहमदाबाद के पास) तक वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) शुरू होने के साथ अब तेज गति के साथ दूध टैंक वैगनों के परिवहन में काफी फायदा हुआ है.

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डीएफसीसीआईएल ने एक बयान में कहा है कि फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से ढुलाई के समय में बहुत बचत होगी और जरूरी सामानों को पूरी क्षमता के साथ कम समय में पहुंचाया जा सकेगा. डीएफसी न्यू पालनपुर स्टेशन/गुजरात से हरियाणा के पलवल तक (लगभग 855 किमी की दूरी तय करते हुए) बनास डेयरी के लिए मिलेनियम (दूध) ट्रेनों का पहुंचने का समय 23.29 घंटों से घटाकर 14.49 घंटे कर दिया गया है, जो बहुत बड़ी बचत है.

माल ढुलाई का बढ़ा नेटवर्क

अब मिल्क ट्रेनें न्यू पालनपुर (डब्ल्यूडीएफसी) से निकलती हैं और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर पर हरियाणा में न्यू पृथला तक चलती हैं. यहां से ये ट्रेनें पलवल में हिंद टर्मिनल मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क में टर्मिनेट हो जाती हैं. अभी लगभग 2,196 किमी (77.2 प्रतिशत) डीएफसी चालू हो चुका है. भारतीय रेलवे की माल ढुलाई नेटवर्क क्षमता को बढ़ाने के लिए इन सेक्शन पर मालगाड़ियां चल रही हैं. बाकी सेक्शन पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और कुछ सेक्शन को एक साल के भीतर चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. 

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EDFC पर प्रति दिन औसतन 135 ट्रेनें और WDFC पर प्रति दिन 80 ट्रेनें चलती हैं. डीएफसी ने 26 मई, 2023 को अपने सेक्शन पर कुल एक लाख ट्रेनें चलाने का रिकॉर्ड भी हासिल किया है.(PTI)

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