राजस्थान सरकार पशुपालकों की आर्थिक स्थिति सुधारने और चारा समेत आश्रय निर्माण आदि के लिए बिना ब्याज के लोन मुहैया करा रही है. योजना के तहत ली गई रकम पर किसानों को कोई भी ब्याज नहीं देना होता है, बल्कि ली गई रकम ही किस्तों में लौटानी होती है. हालांकि, बैंकों से लोन लेने के मामले में कुछ पात्रता मानक परेशानी का कारण बने थे, जिन्हें हल कर छूटे लाभार्थियों को भी योजना के तहत वित्तीय लाभ पहुंचाया जाएगा.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पिछड़े वर्गों के कल्याण और उत्थान के लिए काम कर रही है. वह जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में देवनारायण जी की 1113वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने एक साल के कार्यकाल में पशुपालकों और किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोपाल क्रेडिट कार्ड लोन योजना के तहत डेयरी से जुड़ी गतिविधियों और दूध व चारा वितरण से जुड़े उपकरणों की खरीद के लिए 1 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त शॉर्टटर्म लोन उपलब्ध कराया जा रहा है. योजना के तहत 1 लाख रुपये लोन पर कोई भी ब्याज नहीं चुकाना होगा. इस योजना को अगस्त 2024 में शुरू किया गया था. राज्य के पांच लाख पशुपालकों को सहकारी बैकों के जरिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर 150 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त लोन दिया जाना है.
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन पर निर्भर रहने वाले पशुपालकों के लिए इस योजना का लाभ उठाने में दिक्कत आई है. बताया गया कि सीबिल स्कोर मानक के चलते पशुपालकों को लोन हासिल करने में दिक्कतें हुई हैं. ऐसे में अब तक छूटे और इच्छुक पशुपालकों को भी योजना का लाभ दिलाने की व्यवस्था की जाएगी. राज्य सरकार की प्लान है कि गोपाल क्रेडिट कार्ड लोन योजना को हर गांव और हर ग्रामीण तक पहुंचाना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़े वर्ग के युवाओं को शिक्षा के उचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए भी कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गुर्जर समुदाय को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कौशल के उचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। साथ ही, समाज की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी की मार से मुक्ति दिलाने के लिए पेपर लीक पर पूरी तरह से अंकुश लगाया है और उन्हें सरकारी नियुक्तियां दी हैं. अब तक करीब 60 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है और अगले कुछ महीनों में यह संख्या 1 लाख तक पहुंच जाएगी. इस प्रकार हमारी सरकार 5 साल में 4 लाख नौकरियां देने के वादे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
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