दुनिया भर में मोटे अनाजों का प्रचार प्रसार जोरों पर किया जा रहा है. कई जगहों पर झांकी और प्रदर्शनी के माध्यम के प्रचार किया जा रहा है तो कहीं मंचीय कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच इसकी उपयोगिता बताई जा रही है. इसी कड़ी में मिलेट्स व जैविक उत्पादों पर बेंगलुरू में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर आयोजित किया जा रहा है. जिसके दूसरे दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शिरकत की. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने को कहा. कृषि मंत्री ने कहा कि मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ने से एक्सपोर्ट बढ़ेगा. जिसका फायदा किसानों को होगा.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंंह तोमर ने मोटे अनाजों का जिक्र करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटे किसानों के प्रति संवेदन शील हैं. उन्होंने मिलेट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने इस विषय को उठाया, जिस पर 72 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. पीएम मोदी के प्रस्ताव के बाद साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय ईयर ऑफ मिलेट्स का नाम दिया गया
कृषि मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ईयर ऑफ मिलेट्स एक महोत्सव की तरह है. इसके पीछे मिलेट्स का उत्पादन व उत्पादकता, प्रोसेसिंग और निर्यात बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है, जिससे अंततः देश के किसानों को ही फायदा मिलेगा. तोमर ने कहा कि मोटे अनाजों की फसलें कम पानी में और असिंचित भूमि में भी उगाई जा सकती है, देश में मिलेट्स का उत्पादन व खपत बढ़ने के साथ इसका निर्यात भी बढ़ेगा, जिसका लाभ बड़ी संख्या में किसानों को मिलेगा.
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उन्होंने मिलेट्स का उत्पादन और उपयोग बढ़ाने के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इस कार्यक्रम के माध्यम से 201 करोड़ रुपये के एमओयू साइन होने को भी महत्वपूर्ण बताया साथ ही, राज्य के किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जाने की भी तारीफ की.
कृषि मंत्री तोमर ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से लागू किसानों के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया. साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि के साथ कर्नाटक सरकार की ओर से किसानों को दी जाने वाली 4-4 हजार रुपये के अतिरिक्त राशि की सराहना की. इसके अलावा उन्होंने बताया कि पीएम लगातार देश के किसानों की आय में बढ़ोतरी करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके तहत कई किसान हितैषी योजनाओं को लागू किया है. इसी के साथ ही देश में केंद्र सरकार की ओर से 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की शुरूआत की है. इसके लिए सरकार 6,865 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. देश भर के साथ कर्नाटक में नए एफपीओ गठित किए जाने में उत्साहपूर्ण योगदान की प्रशंसा की.
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बेंगलूरू में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कृषि और किसानों की स्थिति को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की. इस कार्यक्रम में उनके साथ केंद्रीय रसायन और उर्वरक एवं नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री भगवंत खूबा, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यानिकी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और कर्नाटक के कृषि मंत्री बी.सी. पाटिल मौजूद रहे.
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