कृषि प्रधान देशों में गिने जाने वाले पाकिस्तान देश की कृषि पर कितनी निर्भर है इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक बार आई बाढ़ से आज पाकिस्तान आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया. कपास की पैदावार न होने से देश का कपड़ा उद्योग पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार पर हैं. कई कपड़ा मिलें बंद हो गई साथ टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करने वाले लगभग 70 लाख लोग एक झटके में बेरोजगार हो गए हैं. इससे न सिर्फ वहां के मजदूरों की नौकरी गई बल्कि कपड़ा उद्योग भी पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर आ गए.
दुनिया भर में इन दिनों पाकिस्तान के बुरे हालातों की चर्चा है. पाकिस्तान में आर्थिक मंदी और कर्ज के कारण स्थिति बदहाल हो गई है. गेहूं, आटे और अन्य खाद्य सामग्री की महंगाई के कारण जहां एक ओर लोगों के बीच भोजन की आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा है, तो दूसरी ओर कुदरती मार से भी पाकिस्तान परेशान है. आपको बता दें कि पाकिस्तान में पिछले साल आई बाढ़ के कारण वहां की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई. इस बाढ़ की चपेट में आने से वहां पर कपास की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा जिसके बाद कपास की पैदावार लगभग न के बराबर हो गई.
पाकिस्तान में आर्थिक मंदी से लोगों का हाल बहुत बुरा है. पिछले साल बाढ़ के कारण कपास की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई. इससे कपड़ा उद्योग (textile industry) को कपास की मांग पूरी न हो पाने के कारण ज्यादातर छोटी मिलें बंद हो चुकी हैं. पाकिस्तान कपड़ा उत्पादन करने वाले प्रमुख देशों में से एक रहा, लेकिन अब यह धारणा बदल गई है. कपास की कमी ने मिलें बंद करा दी हैं और लोग सड़कों पर आ गए हैं. 'dw.com' की एक रिपोर्ट बताती है, 2021 में पाकिस्तान ने 19.3 अरब डॉलर का कपड़ा निर्यात किया था. यहां आई बाढ़ के बाद से कपास की पैदावार मांग के मुताबिक नहीं हो पाई है जिससे कपड़ा उद्योग पूरी तरह से चौपट हो गया है. इससे देश के लगभग 70 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा.
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पाकिस्तान की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करने वाले अशरफ अली कहते हैं कि वे पिछले 24 साल से फैसलाबाद के सितारा टेक्सटाइल्स में काम कर रहे थे. कपास की कमी के कारण कंपनी बंद हो गई और उन्हें अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ी. अशरफ अली ने बताया कि वे सात बच्चों के पिता हैं, नौकरी जाने से वे डिप्रेशन में हैं. उन्होंने बताया कि हालात नहीं सुधरे तो और भी लोगों की नौकरी जाएगी.
पाकिस्तान का कपड़ा उद्योग वहां की अर्थव्यवस्था में थोड़ी जान फूंक सकता था, लेकिन बाढ़ ने उसे भी बर्बाद कर दिया है. अब पाकिस्तान को विदेशों से मदद मांगनी पड़ रही है. टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन के पैटर्न-इन-चीफ गौहर एजाज ने बताया कि उन्होंने इस्लामाबाद से अमेरिकी राजदूतों को पत्र लिख कर कपास का आयात करने के लिए दो अरब डॉलर कर्ज देने का आग्रह किया है. अभी हालत ये है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कई कड़े नियमों का पालन करना पड़ रहा है. इस वजह से उसे विदेशों से कर्ज भी आसानी से नहीं मिल पा रहा. ऐसे में वह कपड़ा उद्योग के लिए विदेशों से कच्चा माल भी खरीदने में सक्षम नहीं है. इन सभी वजहों से पाकिस्तान का कपड़ा उद्योग बर्बादी की कगार पर है और लाखों लोग बेरोजगार हो रहे हैं.
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