
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत आठ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक अकाउंट में 27 जुलाई को 2-2 हजार रुपये भेजे जाएंगे. अब तक 13 किस्त मिल चुकी है और अब किसानों को इस योजना की 14वीं किस्त का पैसा भी मिलने का रास्ता साफ हो गया है. लेकिन इसका लाभ पाने के लिए इस स्कीम में सिर्फ रजिस्टर्ड होना ही काफी नहीं है बल्कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को भी पूरा करना जरूरी है. वेरिफिकेशन न होने के अभाव में ही देश के दो करोड़ से अधिक किसान इसके फायदे से वंचित रहने वाले हैं. इनमें करीब 24 लाख किसान महाराष्ट्र के भी हैं, जिन्हें रजिस्ट्रेशन के बावजूद पैसा नहीं मिलेगा.
महाराष्ट्र में किसानों को इस योजना का सबसे अधिक फायदा छठी किस्त में मिला था. तब केंद्र सरकार ने वहां के 1,05,19,616 किसानों के बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया था. लेकिन बाद में लाभार्थी किसानों की संख्या कम होने लगी. क्योंकि फर्जीवाड़ा बढ़ते देख सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया सख्त कर दी. क्योंकि अपात्र किसानों की संख्या बढ़ने लगी थी. देश में 54 लाख से अधिक अपात्र किसानों ने 4300 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम निकाल ली थी. जिसमें से 4,88,593 अपात्र किसान महाराष्ट्र के भी थे. इस तरह तरह लाभार्थियों की संख्या घटकर 13वीं किस्त में सिर्फ 81,13,213 रह गई है. यानी 24 लाख लोग कम हो गए.
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केंद्र सरकार ने पीएम किसान स्कीम का फायदा पाने के लिए केवाईसी अनिवार्य कर दिया है ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके. सिर्फ पात्र किसानों को ही फायदा मिले और अपात्र बाहर हों. महाराष्ट्र में ऐसे 18,02,436 किसान हैं जिनकी केवाईसी बाकी है. बार-बार अनुरोध करने के बावजूद अब तक किसानों ने इसे पूरा नहीं किया है. जबकि खुद मोबाइल या लैपटॉप से यह काम एक मिनट में पूरा किया जा सकता है. अगर खुद नहीं कर सकते तो नजदीक कस्टमर सर्विस सेंटर पर जाकर इसे पूरा करवाएं. इसके लिए वहां सिर्फ 15 रुपये की फीस तय है. सिर्फ 15 रुपये के लिए 6000 का नुकसान मत करिए.
इस योजना के तहत 2000 रुपये की तीन किस्तों में 6000 रुपये मिलते हैं. यहां पर भले ही सिर्फ 81 लाख किसानों को ही 13वीं किस्त का पैसा मिला लेकिन कृषि भूमि विवरण से जुड़े पात्र किसानों की संख्या 95,07,734 है. लैंड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है. इसी से काफी लोग बाहर हुए हैं. राज्य सरकारें उन्हीं किसानों का डाटा पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड कर रही हैं जिनका लैड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन हुआ है. इसके बावजूद यहां पूरे किसानों को पैसा नहीं मिला है. यानी बाकी लोगों के बैंक रिकॉर्ड और आधार नंबर की किसी गड़बड़ी की वजह से पैसा नहीं मिल रहा है. एक स्पेलिंग की भी गड़बड़ी होने पर किसान इस योजना के फायदे से वंचित हो जाएंगे, क्योंकि इसका पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक है.
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