उत्तराखंड स्थित विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने मक्के की एक ऐसी किस्म तैयार की है जो सामान्य मक्का के मुकाबले सेहत के लिए बहुत अच्छी है. क्योंकि इसमें हाई ट्रिप्टोफैन और लाइसीन है. यह दोनों अमीनो एसिड हैं जिन्हें इंसान के शरीर के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. इसका नाम वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड-59 (VL QPM Hybrid 59) है. क्यूपीएम का मतलब क्वालिटी प्रोटीन मक्का है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सामान्य मक्का की तुलना में क्यूपीएम में ट्रिप्टोफैन व लाइसीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे प्रोटीन मान लगभग दोगुना हो जाता है.
मानव शरीर प्रोटीन निर्माण के लिए अमीनो एसिड का इस्तेमाल करता है. ट्रिप्टोफैन और लाइसीन भी एक आवश्यक अमीनो एसिड हैं. जिसकी मौजूदगी वयस्कों में नाइट्रोजन संतुलन और शिशुओं में नाइट्रोजन वृद्धि का काम करती है. लाइसीन एक स्वस्थ इम्यून सिस्टम के लिए नौ जरूरी अमीनो एसिड में से एक है.
विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार सामान्य मक्का में ट्रिप्टोफैन 0.4 प्रतिशत होता है, जबकि वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड-59 में यह 0.9 है. यानी दोगुना से भी अधिक. इसी तरह सामान्य मक्का में लाइसीन 2.6 प्रतिशत है जबकि क्यूपीएम में 4.2 है. अन्य धान्य फसलों की तरह मक्का में महत्पूर्ण आवश्यक अमीनो अम्लों ट्रिप्टोफैन व लाइसीन की कमी होती है. इस वजह से यह मनुष्य के लिए प्रोटीन का एक उत्तम स्रोत नहीं माना जाता. लेकिन इस नई किस्म ने इस धारणा को बदल दिया है.
ये भी पढ़ें- मक्के की खेती से किसान कर सकते हैं अच्छी कमाई, जानिए इसकी खेती के बारे में सबकुछ
कृषि वैज्ञानिकों के इसकी खासियत बताई है. इसके अनुसार विभिन्न शोधों में पाया गया है कि उन देशों में जहां मक्का भोजन का प्रमुख स्रोत है और जहां लोग अपने आहार में प्रोटीन की कमी अन्य स्रोतों से पूरा नहीं कर सकते वहां के लिए क्यूपीएम पोषण वृद्धि में बड़ा सहायक हो सकता है. यही नहीं क्यूपीएम पर आधारित आहार पशुओं के वजन तथा मांस की गुणवत्ता में वृद्धि करते हैं.
असल में सामान्य मक्का की तुलना में क्यूपीएम पर आधारित आहार प्रोटीन का एक सस्ता व आसानी से उपलब्ध होने वाला स्रोत है. जो अपनी अच्छी प्रोटीन पाचकता व अधिक जैविक मान के कारण मनुष्यों में प्रोटीन कुपोषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. किसान इस हाईब्रिड किस्म को अपनाकर उच्च गुणवत्ता प्रोटीनयुक्त मक्का का उत्पादन करके अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं.
विश्व स्तर पर मक्का को औद्योगिक फसल का दर्जा मिला हुआ है. क्योंकि दुनिया में इसके उत्पादन का लगभग 80 फीसदी हिस्सा फीड, स्टार्च और जैव ईंधन के रूप में इस्तेमाल होता है. वैश्विक अनाज उत्पादन में मक्के का उत्पादन 39 फीसदी है. अमेरिका मक्का का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो दुनिया का करीब 35 फीसदी उत्पादन करता है.
विश्व के मक्का उत्पादन में भारत का हिस्सेदारी सिर्फ 2 प्रतिशत है. मक्का खरीफ फसल है. हालांकि कुछ राज्यों में रबी सीजन में भी इसकी खेती होती है. मक्का भारत सहित एशिया के अन्य देशों की भी एक महत्वपूर्ण फसल है, लेकिन यहां उत्पादित मक्का के आधे से अधिक भाग को पशु आहार के लिए उपयोग में लाया जाता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today