प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम यानी कि PM Kisan खेती-बाड़ी के अलावा किसानों के और भी कई खर्चों में मदद करती है. खेती-बाड़ी के अलावा किसानों के जो खर्च पीएम किसान स्कीम से चलते हैं, उनमें शिक्षा, चिकित्सा और शादी-ब्याह शामिल हैं. IFPRI की एक स्टडी में यह बात सामने आई है. इंटरनेशनल फूड एंड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IFPRI) ने अपनी स्टडी में विस्तार से जानकारी दी है.
आईएफपीआरआई की रिपोर्ट के बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में खुद जानकारी दी. मंगलवार को संसद सत्र के दौरान तोमर ने कहा कि आईएफपीआरआई ने उत्तर प्रदेश में PM Kisan स्कीम पर एक स्टडी की है.
स्टडी कहती है, पीएम किसान स्कीम के अंतर्गत मिलने वाले फंड का उपयोग केवल खेती-बाड़ी की जरूरतों को पूरा करने में नहीं होता बल्कि और भी कई जरूरतें इस पैसे से पूरी की जाती हैं. मसलन, अगर घर में किसी की पढ़ाई हो, किसी का इलाज कराना हो या शादी-विवाह हो. ऐसे कार्यों में भी पीएम किसान स्कीम का फंड किसानों की मदद कर रहा है.
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रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि पीएम किसान स्कीम में बांटी जाने वाली राशि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद करती है. किसानों को अगर कर्ज की जरूरत पड़े तो पीएम किसान स्कीम उसमें भी मदद करती है. अचानक किसान को पैसे की जरूरत पड़े तो पीएम किसान का पैसा उसके काम आता है. इतना ही नहीं, पीएम किसान के पैसे से खेती के आदानों (Input) में निवेश बढ़ता है.
रिपोर्ट कहती है, पीएम किसान स्कीम ने किसानों की जोखिम लेने की क्षमता बढ़ा दी है. जब उसके हाथ में पैसे होते हैं, तो वह रिस्क लेते हुए खेती-बाड़ी को आगे बढ़ाने में कोई हिचक नहीं रखता. सरकार ने पीएम किसान स्कीम का लाभ शत-प्रतिशत किसानों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है. बिना किसी बिचौलिये के हस्तक्षेप के पीएम किसान का लाभ सीधा किसानों तक पहुंचाया जा रहा है.
पीएम किसान स्कीम में लाभार्थी के रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाती है. कृषि मंत्री ने संसद में कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक इस स्कीम के जरिये 11 करोड़ किसानों के खाते में 2.41 लाख करोड़ रुपये जारी किए हैं.
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संसद सत्र में ही गौशाला से संबंधित एक सवाल केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला से पूछा गया. एक अनुमान के मुताबिक देश में 7676 गौशाला मौजूद हैं जिनमें सबसे अधिक 2269 राजस्थान में, 1418 गौशाला गुजरात में और 905 गौशाला मध्य प्रदेश में हैं.
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