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बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का कैसे म‍िलेगा मुआवजा? 

बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का कैसे म‍िलेगा मुआवजा? 

फसल नुकसान का दर्द झेलने वाले किसानों की मदद करने के लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार की ओर से मुआवजा देने का प्रावधान है. जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शाम‍िल क‍िसानों को इस योजना के जर‍िए लाभ म‍िलेगा वहीं कुछ राज्य सरकार अपनी ओर से भी क‍िसानों को मदद दे रही हैं.

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बर्बाद हुई फसलों का मिलेगा मुआवजा! बर्बाद हुई फसलों का मिलेगा मुआवजा!

मार्च के महीने में हुई बेमौसम बारिश से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है. तैयार हो चुकी गेहूं और सरसों की फसल बारिश की चपेट में आ गई है. पहले आंधी ने फसलों को नीचे ग‍िराया और फ‍िर बार‍िश ने रही-सही कसर पूरी कर दी. ज‍िससे अब कई जगहों पर गेहूं की बाली में सड़न शुरू हो गई है. खासकर गेहूं की बात करें तो बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान इसी फसल को हुआ है. इस समय गेहूं का दाना पकने के कगार पर था, ऐसे में इस बेमौसम बारिश की वजह से फसल अब बर्बाद होती नजर आ रही है. बारिश ने किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. अब सवाल यह उठता है कि प्रकृत‍ि की मार से परेशान क‍िसानों पर मुआवजे का मरहम कब लगेगा और क‍िसान कैसे इसका फायदा उठा सकते हैं. 
 
फसल नुकसान का दर्द झेलने वाले किसानों की मदद करने के लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार की ओर से मुआवजा देने का प्रावधान है. जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शाम‍िल क‍िसानों को इस योजना के जर‍िए लाभ म‍िलेगा वहीं कुछ राज्य सरकार अपनी ओर से भी क‍िसानों को मदद दे रही हैं. ताकि अगर बेमौसम बारिश या किसी भी आपदा के कारण फसल खराब हो गई है तो उसकी कुछ हद तक भरपाई की जा सके. 

क‍िसानों के ल‍िए सुरक्षा कवच है फसल बीमा

देश में आज भी ऐसे किसानों कि संख्या काफी है जिन्हें ऐसी योजनाओं के बारे में पता तक नहीं हैं. वहीं कई किसान ऐसे भी हैं जिन्हें योजनाओं के बारे में तो पता है लेकिन योजना का लाभ कैसे उठाएं इसकी जानकारी नहीं है. तो आइए जानते हैं कि कैसे किसान मुआवजे का फायदा कैसे उठा सकते हैं. केंद्र सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की हुई है. जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करना है. 

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कैसे मिलेगा योजना का लाभ

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर संबंध‍ित बीमा कंपनी को सूचना देनी होगी. आपके क्षेत्र में जो बीमा कंपनी काम कर रही है उसका नंबर नहीं है तो उस कंपनी की ऑफीश‍ियल वबेसाइट पर जाकर ले सकते हैं. ऐसा न करने पर बीमा कंपनी क्लेम नहीं देगी. इसके बाद आपको क्लेम के लिए आवेदन करना होगा. फसल खराब होने का कारण, कौन सी फसल बोई गई, किस क्षेत्र में फसल खराब हुई है, इन सभी का ब्यौरा फार्म में देना होगा. उन्हें जमीन से जुड़ी जानकारी भी देनी होगी. इसके अलावा, बीमा पॉलिसी की एक फोटो कॉपी भी आवश्यक है.

आवेदन करने के कुछ दिनों के बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और राजस्व व‍िभाग के कर्मचारी खेत का निरीक्षण करेंगे. ज‍िसमें वो नुकसान का आकलन करेंगे. अगर सब कुछ सही पाया जाता है तो बीमा का पूरा दावा किसान के बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है. प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना 2016 में शुरू की गई थी. इसका लाभ केवल उन्हीं किसानों को दिया जाता है जो इस योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा करवाए होते हैं. 

हर‍ियाणा में क्या है व्यवस्था

ज‍िन राज्यों में बेमौसम बार‍िश से फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है उनमें हर‍ियाणा भी शाम‍िल है. हरियाणा सरकार ने एलान क‍िया है क‍ि ज‍िन क‍िसानों ने फसल बीमा नहीं करवाया है उन्हें भी मुआवजा म‍िलेगा. लेक‍िन उनको खराब फसलों का ब्यौरा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भरना होगा. यह पोर्टल मेरी फसल-मेरा ब्यौरा साइट से जुड़ा हुआ है. तीन अप्रैल तक क‍िसान अपना ब्यौरा भर सकते हैं. उनकी फसलों का सर्वे करके राज्य सरकार मई तक मुआवजे की रकम दे देगी.