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Crop burns compensation: आग से फसल जलने पर किसानों को मिलेगा मुआवजा, जानिए कैसे करें आवेदन

Crop burns compensation: आग से फसल जलने पर किसानों को मिलेगा मुआवजा, जानिए कैसे करें आवेदन

इन दिनों बिजली के तारों की चिंगारी से उत्तर प्रदेश में सैकड़ों बीघे की फसल जलकर राख हो चुकी है. अलीगढ़ के लधौआ गांव में बुधवार को सोरन सिंह के खेत में गेहूं की पूरी फसल खड़ी थी. रात में अचानक से बिजली के तारों से निकली चिंगारी फसल पर जा गिरी जिससे पूरी फसल कुछ ही मिनट में जलकर राख हो गई.

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रबी सीजन में सबसे बड़े क्षेत्रफल पर गेहूं की फसल उगाई जाती है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश गेहूं का एक बड़ा उत्पादक राज्य हैं लेकिन इन दिनों राज्यों में किसान की खड़ी फसलों पर आसमानी आफत गिर रही है. शॉर्ट सर्किट हो या हल्की सी चिंगारी भी इन दिनों गेहूं की खड़ी फसल को पल भर में जलाकर बर्बाद कर रही है. ऐसे में किसानों को आग से राहत देने के लिए मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना शुरू की गई है जिसके तहत फसल नष्ट होने के एवज में किसानों को मुआवजा पाने का नियम है. इस योजना के तहत किसानों को आग की घटना के 15 दिन के अंदर पोर्टल पर आवेदन करना होता है. वही मंडी परिषद से संचालित खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत आवेदन करना होता है. इस योजना के तहत किसानों को 1 लाख रुपये तक की भरपाई मिल सकती है. 

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आग से बर्बाद हो रही है गेहूं की फसल

कभी जलवायु परिवर्तन तो कभी बे-मौसम बारिश से किसानों की फसल बर्बाद होती है. लेकिन इन दिनों बिजली के तारों की चिंगारी से उत्तर प्रदेश में सैकड़ों बीघे की फसल जलकर राख हो चुकी है. अलीगढ़ के लधौआ गांव में बुधवार को सोरन सिंह के खेत में गेहूं की पूरी फसल खड़ी थी. रात में अचानक से बिजली के तारों से निकली चिंगारी फसल पर जा गिरी जिससे पूरी फसल कुछ ही मिनट में जलकर राख हो गई. आग से अकेले सोरन सिंह की फसल को ही नुकसान नहीं हुआ बल्कि पड़ोसी गांव के किसान ओमप्रकाश के खेत में खड़ी फसल को भी चपेट में ले लिया जिससे उनकी पूरी फसल जलकर राख हो गई. जिले में आग से फसल जलने की दर्जन भर से ज्यादा घटनाएं हो हो चुकी हैं. वहीं बिजली विभाग की लापरवाही के चलते लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं. 

आग से फसल जलने पर क्या हैं नियम?

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा खलिहान अग्नि दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत 2.5 एकड़ से कम भूमि वाले किसान को 15 हजार, 2.5 से 5 एकड़ तक भूमि वाले किसान को 20 हजार, 5 एकड़ से अधिक जमीन वाले किसान को 30 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जा सकता है. मुआवजा किसान को उसकी फसल के नुकसान के आधार पर दिया जाता है. अधिक नुकसान होने पर किसान को एक लाख से अधिक का मुआवजा तक दिया जा सकता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसान को फसल में आग लगने पर 15 दिन के अंदर संबंधित कृषि उत्पादन मंडी समिति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र जमा करना होता है. इसी पत्र को आवेदन के तौर पर लिया जाता है. विभाग की योजना में गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, मूंग, मसूर, राई आदि अनाज वाली फसलें शामिल हैं. गन्ने को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है.